महराजगंज (राष्ट्र की परम्परा)। दिग्विजय नाथ इंटरमीडिएट कॉलेज चौक बाजार में युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजय नाथ महराज एवं राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी महराज की पावन स्मृति पर आयोजित तीन दिवसीय व्याख्यानमाला के दूसरे दिन राष्ट्र नवनिर्माण में विद्यार्थियों की भूमिका विषय पर मुख्य अतिथि के रूप में सारगर्भित व्याख्यान प्रस्तुत करते हुए जवाहरलाल नेहरू स्मारक पीजी कॉलेज के राजनीति विज्ञान विभाग के सहायक आचार्य डॉ पीयूष कुमार जायसवाल ने कहा कि राष्ट्र नवनिर्माण की परिकल्पना को साकार करने के लिए सर्वप्रथम हमें उसमें आने वाली बाधाओं एवं चुनौतियां को चिह्नित कर उसे समाधान करने की आवश्यकता है। सामाजिक आर्थिक राजनीतिक सांस्कृतिक व धार्मिक अवधारणा के साथ ही साथ उस राष्ट्र के व्यक्तित्व के दृष्टि सोच व सामर्थ्य की भी आवश्यकता है। प्रत्येक व्यक्ति में अपने कर्तव्यबोध की भावना जागृत हो जाए तथा मनोभावनाओं से जुड़ जाए तो निश्चित ही राष्ट्र का नवनिर्माण स्वयं हो जाएगा। पुरुषार्थ चतुष्टय रूपी धर्म अर्थ काम और मोक्ष की अवधारणा का सार्थक उपयोग राष्ट्र को उन्नत एवं समृद्ध बनाने में मुख्य सहायक हैं। हम भाषा उत्थान एवं प्रयोग के आधार पर तकनीकी प्रयोग एवं तकनीकी विकास के द्वारा भी राष्ट्र नवनिर्माण की संकल्पना को सार्थक कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी एकता और अखंडता हमारे ज्ञान व कौशल तथा हमारी प्रतिभा और दृढ़संकल्प भावना द्वारा नित नूतन देश सर्वोच्च शिखर पर स्थापित होगा। आज देश तकनीकी कौशल प्रतिभा खेल और चिकित्सा के क्षेत्र में तेजी सेआगे बढ़ रहा है। आज पूरी दुनिया के सामने चंद्रमा पर भारत होगा। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि आप अपने अंदर के स्किल को पहचाने ।आपका स्किल ही राष्ट्र नवनिर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करेगा। आज देश समस्त बाधाओं एवं चुनौतियों का सामना करने के साथ ही सशक्त समर्थ और मजबूत स्थिति में है। विद्यार्थियों को चरित्र निर्माण पर विशेष बल देते हुए कहा कि चरित्र निर्माण से स्वयं राष्ट्र नवनिर्माण होगा और एक सशक्त राष्ट्र की परिकल्पना साकार होगी। कार्यक्रम में अध्यक्षीय संबोधन में गोरक्षपीठाधीश्वर महंत अवेद्यनाथ महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ बसंत नारायण सिंह ने कहा कि हमारा देश बहुत बड़े संघर्षों के बाद आज इस मुकाम पर खड़ा है । देश की तरफ विश्व की निगाहें हैं । विश्व में देश का सम्मान बढ़ा है साथ ही आज हमारा देश आत्मनिर्भर भारत बन रहा है जिससे यह विदित है कि राष्ट्र का नवनिर्माण हो रहा है। कार्यक्रम का शुभारंभ ब्रह्मलीन द्वय महराज जी एवं सरस्वती माता के चित्र के सम्मुख पुष्पांजलि एवं दीप प्रज्वलन से हुआ ।सरस्वती वंदना एवं स्वागत गीत की प्रस्तुति छात्राओं द्वारा की गयी। कार्यक्रम का संचालन विनोद कुमार यादव एवं संयोजन कृष्णानंद शुक्ल द्वारा किया गया। इस अवसर पर दिग्विजय नाथ बालिका इंटर कॉलेज की प्रधानाचार्या सपना सिंह ,विद्यालय के लेफ्टिनेंट शेषनाथ ,लेफ्टिनेंट तुलसी प्रसाद ,अरविंद कुमार ,विनोद कुमार ,विमल ,फूल बदन, आशुतोष कुमार, अखिलेश कुमार मिश्र ,शैलेश मधुकर ,शैलेश कुमार पटेल, दिलीप कुमार पांडेय, रमेश कुमार सिंह, भवानी शंकर पांडेय, भानु प्रताप ,विवेकानंद त्रिपाठी, पूनम सिंह ,सविता सिंह, अक्षय कुमार अग्निहोत्री सहित तमाम छात्र-छात्राएं उपस्थित रहें ।
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