योगी सरकार का बड़ा फैसला: यूपी में पुलिस रिकॉर्ड से हटेगा जाति का उल्लेख, हाईकोर्ट के आदेश पर कार्रवाई

इलाहाबाद/लखनऊ (राष्ट्र की परम्परा डेस्क )उच्च न्यायालय के आदेश के बाद उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए पुलिस रिकॉर्ड और आधिकारिक दस्तावेजों से जाति-आधारित संदर्भों को हटाने का आदेश जारी किया है। सरकार का यह निर्णय राज्य में जातिगत भेदभाव को समाप्त करने और संवैधानिक मूल्यों को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने साफ कहा है कि अब गिरफ्तारी ज्ञापन, प्राथमिकी (FIR) या किसी अन्य पुलिस दस्तावेज़ में किसी भी व्यक्ति की जाति का उल्लेख नहीं किया जाएगा। इस संबंध में उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दीपक कुमार ने सभी विभागों को आदेश जारी किया है। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि पहचान के लिए केवल माता-पिता का नाम ही प्रयोग किया जा सकता है।

इसके साथ ही पुलिस वाहनों, थानों के नोटिसबोर्ड और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर प्रदर्शित जाति-आधारित नाम और संदर्भ भी पूरी तरह से हटाए जाएंगे। इस फैसले को प्रभावी बनाने के लिए राज्य सरकार पुलिस नियमावली और मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) में भी संशोधन करेगी।

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हालांकि, सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम से संबंधित मामलों में जाति का उल्लेख करना आवश्यक होगा और ऐसे मामलों को इस आदेश से छूट दी गई है।

दरअसल, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 16 सितंबर को अपने आदेश में कहा था कि पुलिस रिकॉर्ड में आरोपियों या व्यक्तियों की जाति का उल्लेख करना एक “कानूनी भ्रांति” है, जो न केवल संवैधानिक नैतिकता को कमजोर करता है बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए गंभीर चुनौती भी पेश करता है। न्यायालय ने यह भी कहा कि आरोपियों की जाति जैसे माली, राजपूत, ठाकुर, ब्राह्मण आदि लिखना किसी वैध उद्देश्य की पूर्ति नहीं करता।

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विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला सामाजिक समरसता को बढ़ावा देगा और जातिगत भेदभाव की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाएगा। उत्तर प्रदेश में यह कदम देशभर के लिए एक नजीर साबित हो सकता है।

यह निर्णय न केवल उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को और मजबूत करेगा, बल्कि गूगल सर्च में भी इसे लेकर बड़ी चर्चा होने की संभावना है, क्योंकि यह फैसला सामाजिक न्याय और समानता से जुड़ा हुआ है।

Editor CP pandey

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