राष्ट्र की परम्परा /वाराणसी ।
इशिता कॉलेज ऑफ़ पैरामेडिकल साइंसेज वाराणसी में वर्ल्ड फिजियोथैरेपी डे धूमधाम से मनाया गया। विश्व भौतिक चिकित्सा दिवस के उपलक्ष्य में सभी फिजियोथैरेपिस्ट साथियों एवं छात्र-छात्राओं को हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई दी गई।कॉलेज की प्रबंधक ने बताया कि आज का दिन हम सभी के लिए बेहद गौरवान्वित होने का दिन होता है,यह दिवस हमें याद दिलाता है कि,हम समाज में अपने चिकित्सा के माध्यम से लोगों का शारीरिक एवं चोटिल अवस्था से स्वस्थ कर उन्हें उनके जीवन में एक नई ऊर्जा भरने का कार्य करते हैं। प्रत्येक वर्ष 8 सितंबर को विश्व फिजियोथैरेपी दिवस मनाया जाता है,इसकी वजह यह है कि 8 सितम्बर 1951 में वर्ल्ड कांफडरेशन आफ फिजिकल थेरेपी की स्थापना हुई थी।भारत सहित दुनिया के 123 देश वर्ल्ड कांफडरेशन ऑफ फिजियोथेरेपी के सदस्य हैं। हालांकि अब इसे वर्ल्ड फिजियोथैरेपी संगठन के नाम से जाना जाता है,फिजियोथैरेपी कुछ विशिष्ट स्थितियों के इलाज के रूप में कार्य करता है और दर्द के प्रबंधन में मदद करता है,चोट या फिर सर्जरी के बाद तेजी से रिकवरी में भी फिजियोथेरेपी से लाभ प्राप्त किया जाता है।इशिता कॉलेज ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज वाराणसी के प्रिंसिपल व देश के जाने माने एमपीटी न्यूरो डॉक्टर अब्दुल कादिर अंसारी ने बताया की फिजियोथैरेपी से उपचार के बाद गठिया,कंधा जाम,लकवा, फालिश,कमर दर्द,सर्वाइकल व खेलकूद में लगने वाले चोट (स्पोर्ट्स इंजरी) आदि समस्याओं को बहुत आसानी से ठीक किया जाता है।यदि किसी को किसी प्रकार की मांसपेशियों,जोड़ों में दर्द आदि की समस्या रहती है तो दवाइयों पर निर्भरता बढ़ाने से पहले शुरुआती चरणों में ही किसी कुशल फिजियोथैरेपिस्ट से मिले।
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