भागलपुर/ देवरिया( राष्ट्र की परम्परा)
मईल थाना क्षेत्र अंतर्गत भागलपुर ग्राम में करीब 90 वर्षों से एक महिला भागलपुर में रह रही थी। रामलीला देखने के दौरान एक कार आकर उसको घायल कर दिया, इसके बाद महिला को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भागलपुर ले जाया गया। जहाँ उसका प्राथमिक उपचार हुआ। यह महिला भागलपुर में रहकर जीवन यापन कर रही थी। कार से घायल महिला का 29 अक्टूबर को सुबह 9 से 10 बजे के लगभग उसकी मौत हो गई।
आपको बता दे कि भागलपुर में एक महिला वर्षों से मांगती खाती और भागलपुर में ही अपना जीवन यापन करती थी। सोमवार की रात्रि को रामलीला देख रही थी तभी मौत बनी कार जाकर उसके पैरों पर चढ़ गई, महिला को छटपटाते देख रामलीला देख रहे लोगों द्वारा आनन फानन में भागलपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां उसका इलाज हुआ उधर कार सवार गाड़ी लेकर फरार हो गया।
सूत्रों का कहना है कि कार सवार को रोका गया था भागलपुर पुलिस चौकी को सूचना दी गई थी। पुलिस आई और उस महिला का इलाज करवाया। मंगलवार की सुबह महिला की मौत हो जाने पर पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस मौके पर पहुंची और कुछ स्थानीय सक्रिय लोगों ने पुलिस के साथ मिलकर उस महिला को गंगा लाभ दे दिया। जबकि ग्रामीण चाहते थे कि उसे महिला को हिंदू रीति रिवाज के अनुसार शमशान घाट पर जलाया जाए। लेकिन कुछ लोग जल्दी निपटाने के चक्कर में महिला के शव को नदी में प्रवाहित कर दिया। महिला की सहानुभूति में लोगों ने उसके अंतिम संस्कार के लिए चंदा भी इकट्ठा करने लगे । लेकिन दाह संस्कार के जगह पर सीधे गंगा में प्रवाहित कर दिया गया। भागलपुर पुलिस चौकी के सिपाही ने कहा लोगों को बोला गया था कि इसको जलाया जाए लेकिन नहीं ठीक इसके विपरीत उसको गंगा में प्रवाहित करवा दिया गया। अरे एक जानवर मरता है बंदर तो उसको बकायदा जयकारे लगाते ले जाते हैं। लोग और उसका कर्मकांड व ब्रह्म भोज भी किया जाता है। खैर यह तो एक महिला थी। लोग इसको भागलपुर का एक सदस्य के रूप में देखे थे जो कि इस भागलपुर में पता नहीं कितने वर्षों से रह रही थी।लोगों का कहना है कि यह महिला अनिरुद्ध नामक व्यक्ति के साथ जीवन यापन करती थी। उनके मर जाने के बाद यह महिला अकेली हो गई। भागलपुर में रहती थी। जिसको यहां के लोग खाना कपड़ा सब चीज की व्यवस्था कर देते थे। काफी मिलनसार थी, हंसमुख थी। जिस दुकान के पास जाती थी चाहे वह किसी भी चीज की हो लोग उसको खिलाते पिलाते रहते थे। इसकी खबर 1 दिन बाद राजेश यादव पाए,तो उन्होंने उस महिला के बारे में बताने लगे । राजेश यादव का कहना है कि मैं उसको हमेशा कपड़ा, साबुन, नहला, धुला देता था। उसको खाना भी खिला देता था लेकिन वह बहुत दुखी हो गए। उसकी फोटो को देखकर उसको प्रणाम करने लगे। वहीं कौशल किशोर यादव का कहना है की बचपन से वह महिला को हम लोग देखे थे वह हंसती थी, बच्चों के साथ अपने इशारे में बात भी करती थी। उसकी मौत हो जाने की खबर से मैं बहुत आहत हूं। लोगों ने इतना जल्दी उसको कैसे नदी में प्रवाहित कर दिया। जो जहां सुना अचंभित रह गया कि वह मर नहीं सकती है। गांव में कितना गाड़ियां आती जाती थी। लेकिन वह बच के निकल जाती थी। इस घटना के बारे में थाना प्रभारी निरीक्षक अमित राय से बात करने पर उन्होंने बताया कि यह घटना मेरे संज्ञान में नहीं है।
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