“हर कॉल पर चेतावनी क्यों? कब तक सुनते रहेंगे अमिताभ बच्चन की आवाज़!”


— प्रियंका सौरभ, स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार, हिसार


सरकार चेतावनी दे रही है, लेकिन क्या यह चेतना जगा रही है या मानसिक थकान बढ़ा रही है?
हर मोबाइल कॉल पर जब आपको अमिताभ बच्चन की भारी, गूंजती आवाज़ में साइबर अपराध से सतर्क रहने की चेतावनी सुनाई देती है — तो क्या वह वास्तव में सुरक्षा का संदेश है या एक रोज़मर्रा की बाधा?

अमिताभ बच्चन भारतीय सिनेमा के महानायक हैं। अभिनय में उनका कद बेमिसाल है, और उनकी आवाज़ में जो गरज है, वह दशकों से भारतीय जनमानस का हिस्सा रही है। लेकिन क्या हर बार, हर कॉल पर वही चेतावनी सुनना अब आम लोगों के लिए एक ‘आवश्यक सूचना’ से ज़्यादा एक मानसिक उत्पीड़न नहीं बन चुका है?


चेतावनी या प्रताड़ना?

सरकार और टेलीकॉम कंपनियों को शायद यह समझना चाहिए कि एक चेतावनी का उद्देश्य जागरूकता फैलाना है, न कि लोगों को हर कॉल से पहले मानसिक थकान में डुबो देना। यह ट्यून कोई नया अभियान नहीं है। यह लगभग एक साल से लगातार हर मोबाइल उपभोक्ता को रोज़ाना, दिन में कई बार सुनाई जाती है।

क्या अब भी ऐसा कोई कोना बचा है जहाँ यह संदेश नहीं पहुंचा? क्या यह मान लिया गया है कि जनता इतनी अज्ञानी है कि 365 दिनों में भी यह नहीं समझ सकी कि OTP किसी को नहीं बताना चाहिए?


आपात स्थिति में भी रुकावट

इस कॉलर ट्यून की सबसे बड़ी विडंबना इसकी अनावश्यक स्थायित्व है। ज़रा कल्पना कीजिए — कोई दुर्घटना हो गई है, कोई बच्चा जलते कमरे में फंसा है, किसी को हार्ट अटैक आया है — और ऐसे समय में जब हर सेकेंड जीवन और मृत्यु के बीच की रेखा है, आपको 30 सेकंड तक वही ट्यून सुननी पड़ती है:
“आपका कॉल साइबर अपराध से सुरक्षा हेतु रोका गया है…”

क्या हम वास्तव में इतने असंवेदनशील हो गए हैं कि जीवन की आपात स्थितियों में भी एक रिकॉर्डेड चेतावनी हमारी प्राथमिकता है?


ट्यून से बदलाव नहीं, तंत्र से समाधान

यदि यह चेतावनी इतनी ही प्रभावशाली होती, तो साइबर अपराधी कब के भाग चुके होते। लेकिन सच्चाई यह है कि ठगी भी बरकरार है और जनता की झल्लाहट भी। जरूरत है डिजिटल साक्षरता को बढ़ाने की, कानून व्यवस्था को सख्त करने की, और तेज़ कार्रवाई सुनिश्चित करने की — न कि हर कॉल पर ‘सरकारी प्रवचन’ देने की।


जनता की आवाज़ बन रही है विरोध की लहर

सोशल मीडिया पर अब आम लोग इस कॉलर ट्यून के खिलाफ आवाज़ उठा रहे हैं। सुझाव आ रहे हैं कि इस चेतावनी को दिन की पहली कॉल तक सीमित किया जाए, या फिर उपभोक्ताओं को इसे बंद करने का विकल्प मिले। लेकिन जैसे कई सरकारी समस्याएं फाइलों में दब जाती हैं, वैसे ही यह जनभावना भी अनसुनी कर दी जा रही है।


अमिताभ बच्चन नहीं, व्यवस्था सवालों के घेरे में

यहां कोई अमिताभ बच्चन के खिलाफ नहीं है। उनकी कला, उनका योगदान भारतीय संस्कृति की थाती है। लेकिन हर चीज़ का एक संदर्भ होता है, एक प्रासंगिकता होती है। जीवन-मरण की स्थिति में यह चेतावनी एक बेमतलब शोर बन जाती है।


अब वक्त है बदलाव का

सरकार को समझना होगा कि चेतावनी का उद्देश्य डराना नहीं, जागरूक करना होता है — और यह जागरूकता थोप कर नहीं, विश्वास देकर फैलाई जा सकती है।

अब समय है कि:

इस कॉलर ट्यून की आवृत्ति कम की जाए।

उपयोगकर्ता को विकल्प दिया जाए कि वह इसे सुनना चाहता है या नहीं।

तकनीक को सहायक बनाया जाए, न कि बाधा।


आप क्या कर सकते हैं?

यदि आप भी इस मानसिक थकान के भुक्तभोगी हैं, तो सोशल मीडिया पर अपनी आवाज़ उठाइए। जनप्रतिनिधियों को टैग कीजिए। याचिकाएं शुरू कीजिए। यह सवाल अमिताभ बच्चन से नहीं, सरकार से है। और इस सवाल को पूछना हर जागरूक नागरिक का हक़ है।

याद रखिए — चेतावनी से ज़्यादा ज़रूरी है चेतना।

Editor CP pandey

Recent Posts

पूर्व प्रधान के नवनिर्मित आवास से 53 लाख की भीषण चोरी, पुलिस को भनक तक नहीं

मऊ (राष्ट्र की परम्परा)। जनपद के हलधरपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत मुहवा विजयगढ़ गांव में सोमवार…

9 minutes ago

रोज़गार के अभाव में सिकंदरपुर से बढ़ता पलायन, युवाओं का भविष्य संकट में

सिकंदरपुर/बलिया (राष्ट्र की परम्परा)। सिकंदरपुर क्षेत्र में पर्याप्त रोज़गार के अवसर न होने के कारण…

21 minutes ago

गुरु गोविन्द सिंह जयंती पर 27 दिसंबर को सार्वजनिक अवकाश घोषित

संत कबीर नगर (राष्ट्र की परम्परा)। जिला मजिस्ट्रेट आलोक कुमार ने बताया कि शासन के…

43 minutes ago

भिटौली को मिली आधुनिक बैंकिंग की सौगात, यूपी ग्रामीण बैंक की मॉडर्न शाखा का भव्य उद्घाटन

महराजगंज (राष्ट्र की परम्परा)। उपनगर भिटौली के लिए यह दिन ऐतिहासिक बन गया, जब उत्तर…

1 hour ago

सीएम डैशबोर्ड: नवंबर माह की प्रगति की मंडल स्तरीय समीक्षा, धीमी योजनाओं पर मंडलायुक्त सख्त

गोरखपुर (राष्ट्र की परम्परा)। मुख्यमंत्री डैशबोर्ड (CM Dashboard) के अंतर्गत नवंबर माह की प्रगति की…

2 hours ago

यूपी में एक और दिल दहला देने वाला हत्याकांड: प्रेमी संग पत्नी ने की पति की हत्या, राहुल मर्डर केस का पूरा खुलासा

संभल/उत्तर प्रदेश (राष्ट्र की परम्परा)। यूपी के संभल जिले के चंदौसी से सामने आया राहुल…

2 hours ago