जैतीपुर/शाहजहांपुर(राष्ट्र की परम्परा)
कस्बा स्थित राजकीय पशु चिकित्सालय में स्थायी डॉक्टर की तैनाती न होने से पशुओं की चिकित्सा सेवाएं पटरी से उतर गई है।क्षेत्र के पशुपालक महंगे दामों में झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा अपने पशुओं का इलाज कराने को मजबूर है।पशु अस्पताल दिखावा साबित हो रहा है,यहां लाखों रुपये की लागत से बनी बिल्डिंग बर्बाद हो रही है अस्पताल में अक्सर ताला लटकता रहता है।
डाक्टर का अता-पता तक नहीं है।चतुर्थ श्रेणी कर्मी की मनमानी से अस्पताल अराजक तत्वों का अड्डा बन गया है।जब डॉक्टर से बात करो तो वह कई अस्पतालों के चार्ज की बात कह कर पल्ला झाड़ लेते हैं।शाम होते ही अस्पताल परिसर में शराबियों का जमावड़ा लग जाता है, अस्पताल परिसर में गंदगी व्याप्त है।मनमाने तरीके से अस्पताल को खोला और बन्द किया जा रहा है।क्षेत्र के किसान मजबूरन झोलाछाप डॉक्टरो से अपने पशुओं का इलाज कराने को विवश हैं। बता दें कि कई वर्षों से कस्बे के राजकीय पशु चिकित्सालय में स्थाई डॉक्टर की तैनाती न होने से पशुपालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।क्षेत्र के पशु पालकों का अस्पताल से मोह भंग हो गया है, अगर कोई पशुपालक दवाई लेने आ भी गया तो वहां बैठा चतुर्थ श्रेणी कर्मी बहाने बाजी कर टरका देता हैं,कहता है मेरे पास चाबी नहीं है।काफी दिनों से अस्पताल में डॉक्टर भी नहीं आए हैं।
बात करने पर प्रभारी पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर मोहम्मद सोबान नें बताया कि उनके पास पांच अस्पतालों का चार्ज है।हर जगह देखना पड़ता है।स्टाफ कम होंने की वजह से पशुपालकों परेशानी हो रही है।फिर भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है।
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