July 5, 2025

राष्ट्र की परम्परा

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टीकाकरण से 12 जानलेवा बीमारियों से बच्चों की होती है रक्षा

निजी चिकित्सकों ने किया वादा किसी बच्चे का नहीं छूटेगा टीका

बहराइच (राष्ट्र की परम्परा) बच्चों के लिए सबसे बड़ा सुरक्षा कवच टीकाकरण है। 12 जानलेवा बीमारियों से बच्चों की रक्षा करता है। साथ ही बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करता है। सभी बच्चों को समय से टीका लग जाए और कोई भी बच्चा इससे वंचित न रहे l इसमें निजी चिकित्सक भी सहयोग करेंगे। स्थानीय होटल में एक कार्यशाला हुई। डबल्यूएचओ के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में जिले के निजी चिकित्सकों ने उपस्थित होकर टीकाकरण में सहयोग के लिए सहमति जताई। कार्यशाला का संचालन डीएचईआईओ बृजेश सिंह ने किया। उन्होंने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के पदाधिकारियों व निजी चिकित्सकों का पुष्प गुच्छ से स्वागत करते हुए कहा कि बच्चे ही हमारा भविष्य हैं। गंभीर बीमार बच्चों के इलाज के लिए लोग निजी चिकित्सक के पास काफी संख्या में जाते हैं। उनकी सलाह मानते हैं। ऐसे में बच्चों में होने वाली जानलेवा बीमारियों से सुरक्षा के लिए निजी चिकित्सकों की सलाह टीकाकरण की बढ़ोतरी में मील का पत्थर साबित होगी। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सतीश कुमार सिंह ने कहा कि टीकाकरण से ही 2014 में देश पोलियो मुक्त हो गया और 2015 में मातृ- नवजात टिटनेस का उन्मूलन हो सका है। इसकी क्षमता ने ही कोरोना महामारी से पूरी दुनिया को सुरक्षा प्रदान किया है। बावजूद इसके ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी कई बच्चे टीकाकरण से वंचित है। ऐसे बच्चों में जानलेवा बीमारियों का जोखिम उन बच्चों की अपेक्षा अधिक है जिन बच्चों का सम्पूर्ण टीकाकरण हो चुका है। निजी चिकित्सकों की भागीदारी से टीके से वंचित बच्चों को भी सुरक्षा प्रदान करने में मदद मिलेगी। इसको लेकर आईएमए की अध्यक्ष डॉ सारिका साहू व आईएपी अध्यक्ष डॉ केके वर्मा ने सहयोग के लिए सहमति जताई l और कहा कि पूर्ण सहयोग किया जाएगा। निजी चिकित्सकों का सहयोग –सर्विलान्स मेडिकल ऑफिसर डबल्यूएचओ डॉ विपिन लिखोरे ने बताया कि इलाज के लिए प्राइवेट अस्पताल या क्लीनिक पर आए बच्चों को टीकाकरण के लिए प्रोत्साहित करने का एक अच्छा अवसर होता है। इसकी पहल निजी चिकित्सकों द्वारा की जाएगी। इसके अलावा यदि कोई ऐसा बच्चा इलाज के लिए आता है जिसे गलघोंटू , काली खांसी ,नवजात टिटनेस , बुखार के साथ सूखे लाल दाने या बच्चे का कोई भी अंग किसी भी कारण से अचानक लुंज अथवा कमजोर पड़ गया हो तो इसकी सूचना जिला प्रतिरक्षण अधिकारी या जिला सर्विलान्स अधिकारी डबल्यूएचओ को तत्काल देंगे। जांच में बीमारी की पुष्टि होने पर उन क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा उचित कार्यवाही की जाएगी। ताकि बीमारी के प्रसार को रोका जा सके।
मीजल्स रूबेला बीमारी के उन्मूलन को मिलेगा बल –जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ एसके सिंह ने बताया कि दिसंबर 2023 तक मीजल्स रूबेला बीमारी के उन्मूलन का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से टीकाकरण से वंचित 09 माह से 05 वर्ष तक के बच्चों की सूची बनवाई जा रही है। इसके अलावा मीजल्स रूबेला के टीकाकरण का 95 फीसदी लक्ष्य पूरा करने के लिए सभी 14 ब्लाकों के सीएचसी अधीक्षकों को चार माह का समय दिया गया है। ताकि छूटे सभी बच्चों का टीकाकरण कर सितंबर में ही तय लक्ष्य को पूरा किया जा सके। निजी चिकित्सकों की भागीदारी से सौ फीसदी लक्ष्य प्राप्त करने में मदद मिलेगी। इस मौके पर आईएमए अध्यक्ष डॉ सारिका साहू व सेक्रेटरी डॉ मयंक रस्तोगी ,आईएपी अध्यक्ष डॉ केके वर्मा व सेक्रेटरी डॉ अरविंद शुक्ला , डॉ एनसी बावा, डॉ डीके सिंह, डॉ प्रमोद अग्रवाल,डॉ सूबेदार सिंह ,डॉ अतुल टंडन ,डॉ अतीक ,डॉ अनिल केडिया ,डॉ रीना केडिया,डॉ सुषमा मिश्रा ,एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ निर्मेश श्रीवास्तव व यूनिसेफ डीएमसी तहरीम सिद्दीकी ,अन्य चिकित्सक व सहयोगी संस्थाओं के लोग मौजूद रहे।