वाराणसी (राष्ट्र की परम्परा)। विनोद कुमार शुक्ल ने पूर्वोत्तर रेलवे के अपर महाप्रबंधक का पदभार ग्रहण कर लिया है। इसके पूर्व वह बनारस रेल इंजन कारखाना (बी.एल.डब्ल्यू.), वाराणसी में प्रमुख मुख्य इंजीनियर के रूप में कार्यरत थे।
शुक्ल ने मोतीलाल नेहरू इंजीनियरिंग कॉलेज ( एम.एन.आई.टी.), इलाहाबाद से वर्ष 1989 में सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक तथा आई.आई.टी. दिल्ली से वर्ष 1991 में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त की। वह भारतीय रेल इंजीनियरिंग सेवा (आई.आर.एस.ई.) 1990 बैच के अधिकारी हैं। उनकी पहली नियुक्ति वर्ष 1991 में पूर्वोत्तर रेलवे में सहायक इंजीनियर के रूप में हुई थी। इसके बाद उन्होंने मंडल इंजीनियर, उप मुख्य इंजीनियर और वरिष्ठ मंडल इंजीनियर जैसे महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया।
उन्होंने मुख्य परियोजना प्रबंधक, डी.एफ.सी.सी.आई.एल./मुगलसराय, मुख्य इंजीनियर/निर्माण, पूर्व मध्य रेलवे/पटना तथा मुख्य परियोजना प्रबंधक, आर.वी.एन.एल./वाराणसी जैसे दायित्वों का निर्वहन किया।
उनके नेतृत्व में कई अहम रेल परियोजनाएँ सफलतापूर्वक पूर्ण हुईं, जिनमें सोन नदी एवं घाघरा नदी पर बड़े पुलों का निर्माण, भटनी-औंड़िहार (125 किमी.) के बीच दोहरीकरण, हजारीबाग-राँची (50 किमी.) और टोरी-बालूमाथ (22 किमी.) नई लाइन परियोजनाएँ तथा मुगलसराय-सोन नगर (120 किमी.) डेडीकेटेड फ्रेट कोरीडोर लाइन का निर्माण शामिल है। इसके अलावा गढ़वा–सिंगरौली (225 किमी.) दोहरीकरण परियोजना में भी उनका अहम योगदान रहा।
रेल निर्माण और रखरखाव कार्यों में गहन अनुभव रखने वाले शुक्ल अपनी कार्यकुशलता और सहज व्यवहार के कारण अधिकारियों एवं कर्मचारियों के बीच काफी लोकप्रिय माने जाते हैं।
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