November 22, 2024

राष्ट्र की परम्परा

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पानी टंकी निर्माण कार्य में पीले ईटों का उपयोग, ठेकेदार मालेमाल अधिकारी हुए मौन

निचलौल ब्लाक के ग्राम सभा घोड़नर श्रीनगर का मामला

घटिया सीमेंट व थर्ड क्लास ईट से हो रहा चाहरदीवारी का कार्य

महराजगंज ( राष्ट्र की परम्परा)। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना महराजगंज के गांवों तक आकर दम तोड़ रही है। हम बात कर रहे है जल जीवन मिशन योजना की। महराजगंज में यह योजना कमीशन खोरी की भेंट चढ़ गयी है। जिले के हर गांव तक शुद्ध जल पहुंचाने का जिम्मा शासन और प्रशासन का था। केंद्र की जल जीवन मिशन के तहत इस गांव में पानी की टंकी बनाने का जिम्मा जल निगम को दिया गया था।जिले में करोड़ों की परियोजना को जलनिगम के अधिकारी और ठेकेदार मिलकर बंदरबांट कर रहे है। जल निगम ने ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की टंकी बनाने का काम दो कार्यदायी संस्थाओं कोकाया सहित अन्य को सौंपा था। जो छोटे-छोटे ठेकेदारों को दे दिया। कोकाया के इन ठेकेदारों द्वारा घटिया ईट और निर्माण सामग्री का प्रयोग निर्माण कार्य तो शुरू कर दिया। कमीशन खोरी के चलते करोड़ों की जल जीवन मिशन परियोजना को जल निगम के अधिकारी ही पलीता लगा रहे हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार निचलौल ब्लाक ग्राम सभा घोड़नर के श्रीनगर टोला मे एक कम्पनी ने पानी की टंकी सहित अन्य कार्य करने का ठिका लिया था , कम्पनी ने भी कमीशन लेकर छोटे-छोटे ठेकेदारों को काम बेच दिया। करोड़ों की जलजीवन मिशन की परियोजना को छोटे ठेकेदारों के हवाले कर दिया गया। छोटे ठेकेदार पानी की टंकी बनाने में घटिया ईट और निर्माण सामग्री का प्रयोग कर रहे हैं। जिले के जिम्मेदार अधिकरियों को चाहिए ऐसे लापरवाह अफसरों और ठेकेदारों पर कड़ी कार्यवाही की जाए ताकि केंद्र की योजनाओं का लाभ उनके हितग्राहियों तक पहुंचने में कोई परेशानी न आए। ऐसे में निचलौल ब्लाक के ग्राम पंचायत घोड़नर के श्रीनगर में अनियमितता बरतते हुए घटिया सामग्री से पानी टंकी निर्माण कराया जा रहा है। जिसको लेकर पंचायत के ग्रामीणों द्वारा विरोध जताया जा रहा है।पानी व्यवस्था को सुव्यवस्थित बनाने के लिए जल निगम द्वारा पानी टंकी का निर्माण किया जा रहा है लेकिन निर्माण में घटिया ईट और सीमेंट का उपयोग किया जा रहा है। बावजूद इसके जो जिम्मेदार हैं वह इस मामले में ध्यान नहीं दे रहे हैं। जिसके चलते गांव के लोग निर्माण कार्य में पूरी तरीके से अनियमितता का विरोध जता रहे हैं।ग्राम वासियों का कहना है कि पानी की टंकी बनने की शुरुआत हुई है और ठेकेदार द्वारा पीले ईटों का इस्तेमाल करना चालू कर दिया गया है।