November 22, 2024

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भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) उत्तर प्रदेश राज्य कमेटी की दो दिवसीय बैठक

लखनऊ(राष्ट्र की परम्परा)
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) उत्तर प्रदेश राज्य कमेटी की दो दिवसीय बैठक दिनांक 6 व 7 जुलाई को 2024 को पार्टी राज्य कार्यालय लखनऊ में संपन्न हुई। बैठक के बाद निम्नलिखित बयान प्रेस के लिए जारी किया गया।लोकसभा चुनाव की समीक्षा करते हुए सीपीआई (एम) राज्य कमेटी उत्तर प्रदेश ने प्रदेश की जनता को बधाई दी। जिसनें संविधान, जीवन और जीविका बचाने के मुद्दे पर आगे बढ़कर चुनावी जंग में भाग लिया तथा नफरती और जनविरोधी नीतियों तथा बुलडोजर राज के खिलाफ जनादेश दिया।

हाथरस हादसे के लिए सरकार जिम्मेदार-

हाथरस में भोले बाबा के आयोजन में प्रवचन सुनने के लिए एकत्र हुई लाखों लोगों की भीड़ में हुई भगदड़ के कारण हुई 122 लोगों की मौत और सैकडों लोगों के घायल होने के प्रति सीपीआई (एम) की उत्तर प्रदेश राज्य कमेटी ने गहरी शोक संवेदना व्यक्त करते हुए प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाया है।

उत्तर प्रदेश में नुक्कड़ सभाओं के लिए प्रशासन परमीशन देने के लिए सभी प्रकार की औपचारिकताएं पूरी करवाता है यहां तो लाखों लोगों की भीड़ जुटाने की परमीशन कैसे दी गयी, यह एक गंभीर प्रश्न है। यदि प्रशासन ने इसकी परमीशन भी दी है तो उस भीड़ को नियंत्रित करने के पुख्ता इंतजाम क्यों नहीं किये गये।

सीपीआई (एम) ने मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश के उस बयान की, जिसमें उन्होंने कहा है कि पुलिस इस मामले में बाहरी सुरक्षा के लिए थी। आंतरिक व्यवस्था बाबा के निजी सुरक्षा कर्मियों के हवाले थी। पार्टी ने सवाल उठाते हुए कहा कि कानून व्यवस्था का विषय सरकार का होता है न कि व्यक्तिगत सुरक्षा कर्मियों का। राज्य कमेटी ने घटना पर आये बयान पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि लोगों की आस्था को पाखंड से जोड़कर उसका राजनैतिक इस्तेमाल करने पर रोक लगायी जानी चाहिए। महंगाई, बेकारी, गरीबी, अशिक्षा आदि से जूझ रही आम जनता की समस्याओं का समाधान उन्हें भ्रमित कर पाखंड में उनका निराकरण होने के प्रति विश्वास जगाया जा रहा है। ऐसे आयोजनों से यही संदेश देने का प्रयास हो रहा है कि पाखंड ही सभी समस्याओं का हल है। इस संबंध में रोकथाम के लिए कोई ठोस कानून बनाया जाना चाहिए।

सीपीआई (एम) ने सरकार व प्रशासन को इसके लिए जिम्मेदार मानने के साथ ही ऐसी घटना के लिए बाबा को जिम्मेदार मानते हुए उनके खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की है। इस घटना ने योगी सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था को बेनकाब कर दिया। यह इतनी जर्जर दुर्व्यवस्था की शिकार है की कि घायलों के इलाज के लिए न तो डाक्टर थे न आक्सीजन । इसके आभाव में भी कई घायल मारे गये।

सीपीआई (एम) उत्तर प्रदेश में अंधविश्वास के खिलाफ एक अभियान चलाने का काम करेगी।

बुलडोजर राज का विरोध-
उत्तर प्रदेश में भाजपा की योगी सरकार ने बुलडोजर राज कायम कर दिया है। बड़े पैमाने पर निमर्मता के साथ लोगों के घरों व झोपडियों को उजाड़ा जा रहा है। लखनऊ में भी हजारों लोगों को बेघर कर दिया गया है। अभी भी अभियान जारी है। प्रदेश के अन्य जिलों में भी गरीबों, मजदूरों व किसानों को उजाड़ने का सुनियोजित अभियान चल रहा है। पीढ़ियों से आबाद लोगों को उजाड़कर खाली करायी जा रही जमीनों को निजी कंपनियों को देने के लिए सरकार कटिबद्ध है। इस तरह की घनघोर निर्मम और जनविरोधी कार्यवाही का सीपीएम ने विरोध किया है और मांग की है कि नजूल या किसी अन्य सरकारी जमीन पर आबाद लोगों की जमीन का नियमितीकरण कराया जाना चाहिए। शहरों के अंदर सीलिंग कानून को लागू कर फालतू पड़ी जमीनों को जरूरतमंद गरीबों व आवास विहीन लोगों में वितरित करने का काम किया जाना चाहिए।