जीवन के अनुभव भी कैसे कैसे होते हैं,
बे वजह बैठ एक जगह हँसते रहिये
सब आकर बार बार जानना चाहेंगे,
वहीं बैठ रोते रहिये नहीं पूछने आएँगे।
प्रारम्भ करना कठिन तो होता है,
पर शुरुआत से निरंतरता आती है,
शुरुआत करने का गुण एवं अनुभव
हैं लाभकारी दोनो की महत्ता होती है।
योजना से भी स्थिति नहीं बदले,
तो वह योजना व्यर्थ ही होती है,
ताक़त और बुद्धिमत्ता तभी काम
आती हैं जब योजना सफल होती है।
कोई निकल पड़ा है ज़िद करके
अपना तन मन धन अर्पण करके,
आसमान से ऊपर जा दूसरे सूरज
चाँद बना, नया भारत रच कर के।
वक्त हमें जीतना सिखाता है
वक्त ही दिखाता है हमें हार,
वक्त बदलता भी रहता हरदम,
वक्त मिटाता बल का अहंकार।
सत्य सदा डेबिट कार्ड सा होता है
जिससे पहले भुगतान किया जाता है,
आदित्य असत्य क्रेडिट कार्ड होता है,
जहाँ सामान पहले प्राप्त हो जाता है।
•कर्नल आदि शंकर मिश्र ‘आदित्य’
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