उतरौला ,बलरामपुर(राष्ट्र की परम्परा)
जनपद बलरामपुर का प्रमुख व्यावसायिक केंद्र उतरौला बाजार हर रोज हजारों लोगों की आवाजाही का गवाह बनता है। यहां मल्टी-कॉम्प्लेक्स, बड़े शोरूम, कपड़े और गहनों की सैकड़ों दुकानें स्थित हैं, जिनमें खरीदारी करने स्थानीय लोगों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में महिलाएं और बेटियां आती हैं। लेकिन इस भीड़-भाड़ वाले बाजार में महिलाओं के लिए सार्वजनिक शौचालय की सुविधा का न होना एक गंभीर समस्या बन गई है।
घंटों खरीदारी, लेकिन नहीं है कोई सुविधा
बाजार में कपड़े, गहने और अन्य वस्त्रों की खरीदारी के दौरान महिलाओं को अक्सर कई घंटों तक रुकना पड़ता है। इस दौरान शौचालय की अनुपलब्धता उन्हें भारी असुविधा में डाल देती है। खरीदारी करने आई भावना सिंह बताती हैं, “हमें बाजार में कई घंटे रुकना पड़ता है, लेकिन शौचालय न होने के कारण काफी परेशानी होती है। कई बार मजबूरी में हमें खरीदारी अधूरी छोड़कर लौटना पड़ता है।”
स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता आदिल हुसैन ने इस समस्या को गंभीर बताते हुए कहा, “नगर पालिका प्रशासन को महिलाओं की इस जरूरत को प्राथमिकता देनी चाहिए। सार्वजनिक शौचालय का निर्माण न केवल महिलाओं की सुविधा के लिए जरूरी है बल्कि इससे बाजार की रौनक भी बढ़ेगी।”
वहीं डॉ. हिना कौसर का कहना है, “कई बार महिलाओं को केवल शौचालय की असुविधा के कारण खरीदारी जल्दी खत्म करनी पड़ती है। यह स्थिति न केवल उनके लिए कठिन है बल्कि बाजार की गतिविधियों पर भी असर डालती है।”
व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने भी इस मुद्दे को नगर पालिका प्रशासन के सामने उठाने का आश्वासन दिया है। उनका कहना है कि यदि प्रशासन महिलाओं के लिए स्वच्छ और सुरक्षित सार्वजनिक शौचालय का निर्माण कराता है, तो इससे बाजार में महिलाओं की संख्या बढ़ेगी और व्यापार में भी इजाफा होगा।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि इस समस्या को लेकर कई बार नगर पालिका से शिकायत की गई, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। व्यापारी विकास गुप्ता ने कहा, “महिलाओं की यह समस्या लंबे समय से चली आ रही है। प्रशासन की अनदेखी के कारण आज भी उतरौला बाजार में एक भी सार्वजनिक शौचालय उपलब्ध नहीं है।”
स्थानीय लोगों और व्यापारियों ने नगर पालिका अध्यक्ष सबिता गुप्ता तथा अध्यक्ष प्रतिनिधि अनूप चंद गुप्ता से मांग की है कि बाजार में जल्द से जल्द आधुनिक सुविधाओं से युक्त साफ-सुथरे और सुरक्षित सार्वजनिक शौचालय का निर्माण कराया जाए। उनका मानना है कि यदि समय रहते कदम नहीं उठाया गया, तो महिलाओं की असुविधा और बढ़ेगी और बाजार की गतिविधियों पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।
स्पष्ट है कि उतरौला बाजार जैसे बड़े और व्यस्त व्यावसायिक केंद्र में महिलाओं की मूलभूत आवश्यकताओं की अनदेखी प्रशासन के दावों पर सवाल खड़े करती है। अब देखना यह है कि नगर पालिका कब तक इस गंभीर समस्या पर ठोस पहल करती है।
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