याद किये जाते हैं वे लोग
जो परोप कारी होते हैं,
अपनी कृतियों से, सदकर्मों
से सच्चे इंसान जो होते हैं।
यद्यपि याद करना और याद
आना, दो अलग अलग बातें हैं,
वैसे तो याद हम उन्हें ही करते हैं
जो शायद हमारे अपने होते हैं।
याद हम उनको आते हैं जो
हमें भी अपना समझते हैं ,
वैसे याद करना और याद
आना क्या एक जैसा ही है?
साधारण अर्थ में, मेरा मतलब
याद करने वाला और याद,
आने वाला दोनो जब अपने हैं
तो फिर अलग क्या हुआ ?
अच्छी भावना, लक्ष्य और
अच्छे विचार वाले लोग ही,
याद किये जाते हैं, शब्दों में,
मन में,वास्तविक जीवन में।
जिसे याद किया जाय मन में,
शब्दों में और जीवन में भी !
आदित्य वही तो ईश्वर है
वही ईश्वर का स्वरूप भी।
कर्नल आदि शंकर मिश्र ‘आदित्य’
हरिद्वार (राष्ट्र की परम्परा)। उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में आठ साल बाद एक बार फिर…
कंधमाल/ओडिशा (राष्ट्र की परम्परा)। ओडिशा के कंधमाल जिले में सुरक्षा बलों को नक्सल विरोधी अभियान…
शाहजहांपुर (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में बुधवार शाम एक दर्दनाक…
बहराइच (राष्ट्र की परम्परा)। जनपद बहराइच के नवाबगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत चनैनी में…
प्रेरक प्रसंग: मो.मोइजुद्दीन- झारखण्ड एक किसान के घर एक दिन उसका कोई परिचित मिलने आया।…
पुरी/ओडिशा (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार में रखे गए…