महंगाई के दौर में असहाय वृद्ध और विधवाएं हुईं परेशान, जनता बोली — “अब सम्मान से जीने का हक मिलना चाहिए”
महराजगंज (राष्ट्र की परम्परा)।उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के माध्यम से गरीबों, किसानों और सफाईकर्मियों के जीवन स्तर को सुधारने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। परंतु अब एक नई और संवेदनशील मांग ने राज्यभर में जनभावना को गहराई से छू लिया है — बुजुर्गों और विधवाओं की पेंशन को ₹100 प्रतिदिन यानी ₹3000 मासिक करने की।
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वर्तमान में सरकार द्वारा असहाय बुजुर्गों और विधवाओं को ₹1000 प्रतिमाह पेंशन दी जाती है। लेकिन लगातार बढ़ती महंगाई के बीच यह राशि अब उनके बुनियादी खर्चों को पूरा करने में नाकाफी साबित हो रही है। समाजसेवियों और स्थानीय लोगों का कहना है कि जब सरकार ने विधायकों का भत्ता, सफाईकर्मियों का मानदेय और अन्य सरकारी कर्मचारियों का वेतन बढ़ाया है, तो समाज के इन वरिष्ठ नागरिकों को भी जीवनयापन के लिए पर्याप्त पेंशन मिलनी चाहिए।
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स्थानीय समाजसेवी संगठनों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की है कि राज्य की लाखों वृद्धजन और विधवाओं को “₹100 प्रतिदिन का पेंशन सम्मान” देकर उनके आत्मसम्मान की रक्षा की जाए। यह न केवल आर्थिक सहयोग होगा बल्कि उनके लिए सरकार की संवेदनशीलता और सामाजिक दायित्व का प्रतीक भी बनेगा।
एक समाजसेवी ने भावुक होकर कहा —
“इन बुजुर्गों ने अपना पूरा जीवन समाज और परिवार को समर्पित कर दिया। आज वे असहाय हैं तो सरकार को उनका सहारा बनना चाहिए। ₹100 प्रतिदिन की पेंशन उन्हें सिर्फ मदद नहीं, बल्कि सम्मान भी देगी।”
जनता को भरोसा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, जो सदैव गरीबों और असहाय वर्ग के हितैषी रहे हैं, इस मानवता से जुड़ी मांग पर शीघ्र सकारात्मक निर्णय लेंगे।
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