बूढ़ी मांगे नाती , तरुनी मांगे बेटा , बिटिया जे मांगेली भाई _ भतीजा

संतति संरक्षण संवर्धन के तपपर्व सूर्यषष्ठी पर आस्था का अलौकिक माहौल

नदी जलाशय पोखरा घाटो पर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्ध निवेदित

धीरेन्द्र त्रिपाठी

मऊ (राष्ट्र की परम्परा) । संतति संरक्षण संवर्धन का अलौकिक तपपर्व सूर्यषष्ठी पर नदी जलाशय पोखरा घाटो के साथ ही कुओ व घरो के समीप बने कृत्रिम जलाशयों पर यथास्थिति व्रती सोमवार को महिलाओ ने अस्त होते आदित्य को अर्घ्य निवेदित किया । दोपहर बाद से ही सजी धजी श्रृंगार किए महिलाएं बच्चों के साथ घाटों की ओर चल दी । घर के पुरुष सदस्य सिर पर दौरा उठाए श्रद्धा के साथ घाट की ओर बढ़े चलते रहे । सामान्य पूजा के साथ ही कई घरों में मनौती पूरी होने पर कोसी भरने का भी कार्यक्रम था । गन्ने पर चुनरी संग दौरा ढके इस परिवार की महिलाएं हाथ में लोटा लिए चल रही थी। पीछे से बैंड बाजे के साथ हुजूम अनोखा माहौल बनाए हुए था । कांच ही बांस के बहंगिया बहंगी लचकत जाए के साथ ही अन्य कर्णप्रिय छठ गीतों से पूरा वातावरण आस्था का अद्भुत नजारा पेश कर रहा था । पूरा नगर व क्षेत्र जैसे सूर्योपासना के इस पर्व का हर क्षण अपने आप में समेट लेना चाहता था । सास दादी अम्माओ के साथ बहुरिया भी सज धज कर गीत गाती आस्था के महापर्व में अहम भूमिका निभा रही थी । बूढ़ी मांगे नाती ‘ तरुनी मांगे बेटा ‘ बिटिया जे मांगेली भाई रे भतीजा ए छठी माता … इस आंचलिक गीत मैं इस पप्पू पर्व का पूरा मंतव्य ही समाया हुआ था । संतति वृद्धि उनके संरक्षण सुमंगल के लिए इस कठिन व्रत पर पूरा क्षेत्र का माहौल भक्ति में बना रहा । मनोति के अनुसार संतान प्राप्ति के बाद कई महिलाएं भुईपरी पड घाट तक पहुंची । कस्वा के थाने के पीछे स्थित पोखरे पर अदभूत नजारा बना रहा । इसके साथ ही सहरोज स्थित तमसा नदी देवकली फतहपुर ताल नरजा आदि पोखरों पर भीड़ उमड़ी रही । व्रती महिलाओं में वेदी पूजन कर सुपली में केला नारियल सेब अमरस शरीफा अनन्नास सिंघाड़ा आंवला आदि समस्त रितु फल के अलावा ठेकुआ खस्ता मिष्ठान आदि रखकर भगवान भास्कर को अर्ध निवेदित कर सुमंगल कामना किया । छठ के पर्व को सकुशल सम्पन कराने को लेकर स्वय थानाध्यक्ष रविन्द्रनाथ राय एसआई अनिकेत सिंह मय फोर्स घाटो पर डटे सुरक्षा की कमान सम्भाले थे ।

इनसेट

डाला छठी के त्यौहार को लेकर जहाँ पूरे दिन हर्षोलास का माहौल बना रहा । महिलाए इस पर्व को लेकर सुबह से शाम तक पूरे विधि विधान से तैयारी में लग डूबते सूर्य को अर्ध्य् देने के लिए तालाबो घाटो पर पहुचती रही । वही अन्य महिलाओ के देवी छठी मइया के भक्ति गीतों से पूरा क्षेत्र गूँजता रहा ।

इनसेट

भगवान राम ने ऋषि अगस्त के कहने पर रावण पर विजय प्राप्त करने के लिए सूर्यषष्ठी पूजा किया था ।उन्होंने सूर्य के छह नामो का जाप किया । राशिमते नमः सम्रद्धते नमः देवासुर नमस्कृताम नमः विवस्वेत नमः भाष्कराय नमः भुनेश्वराय नमः के जाप के बाद ही रावण का वध कर सके । सूर्य षष्ठी व्रत रामायण काल से ही प्रचलित है । व्रत से सबकी मनोकामना की सिद्वी होती है ।

इनसेट

कोपागंज थाने के पीछे स्थित धार्मिक व ऐतिहासिक पोखरे व घाट की साफ सफाई तथा प्रकाश की व्यवस्था ग्राम पंचायत व शिवपरिवार कावरिया संघ ने किया । शिव परिवार के गुडडू यादव व सभासद बुद्धिराम व अन्य कार्यकर्ताओ ने वकायदे मंच लगाकर भीड़ को नियंत्रण करने के अलावा व्रती महिलाओ को अर्ध के लिए दूध आदि की मुकम्मल व्यवस्था की गयी थी

rkpnews@somnath

Recent Posts

आस्था और श्रद्धा के सागर में डूबा गोरखपुर

छठ महापर्व पर उमड़ा जनसैलाब, सुरक्षा और स्वच्छता व्यवस्था में जुटा पूरा प्रशासनिक अमला गोरखपुर(राष्ट्र…

14 minutes ago

छठ पूजा में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब, प्रशासन रहा मुस्तैद

बरहज/देवरिया (राष्ट्र की परम्परा)। संध्या में सरयू नदी के पावन तट पर आस्था और श्रद्धा…

30 minutes ago

ढलते सूर्य देव को अर्ध्य अर्पित कर महिलाओं ने की आराधना

बहराइच (राष्ट्र की परम्परा) । नवाबगंज क्षेत्र में पूर्वांचल का महापर्व छठ पूजा के तीसरे…

43 minutes ago

छठ महापर्व: अस्ताचलगामी सूर्य को दिया गया अर्घ्य, जिले के घाटों पर दिखा अद्भुत नजारा

महापर्व के अंतिम दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देकर माँगा जाएगा सुख-समृद्धि का वरदान संत…

53 minutes ago

त्रिपुष्कर योग में करें कार्य, मिलेगा तीन गुना फल!

🌞 28 अक्टूबर 2025 का शुभ पंचांग: मंगलमय मंगलवार — जब भाग्य का द्वार खुलने…

1 hour ago