रेडियो जयघोष और जिम्सी के मध्य हुए एमओयू से सृजित होंगे रोजगार के अवसर: मंत्री जयवीर सिंह
सात दिवसीय मीडिया प्रशिक्षण कार्यशाला यूपीएसएनए में हुई शुरू
लखनऊ (राष्ट्र की परम्परा)। रेडियो जयघोष संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश और जिम्सी कानपुर के मध्य मंगलवार को उत्तर प्रदेश के संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह की उपस्थिति में एमओयू हस्ताक्षरित हुआ।
गोमती नगर विपिन खंड एक स्थित उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी की वाल्मीकि रंगशाला में आयोजित इस समारोह में मुख्य अतिथि जयवीर सिंह ने कहा कि इस एमओयू से दोनों संस्थाओं के बीच परस्पर सहयोग बढ़ेगा जिससे निश्चित तौर पर नई पीढ़ी के लिए प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर सृजित होंगे। इसके साथ ही समारोह में रेडियो जयघोष की स्मारिका का विमोचन किया गया। समारोह में रेडियो जयघोष, संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश और जिम्सी कानपुर की ओर से आयोजित सात दिवसीय मीडिया प्रशिक्षण कार्यशाला भी शुरू हुई।
मंत्री जयवीर सिंह ने अपने सम्बोधन में कहा कि केन्द्र और राज्य की सरकारें, भारतीय संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में महती योगदान दे रही। उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग भी विभिन्न माध्यमों के माध्यम से संस्कृति का प्रचार प्रसार कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत ने एक सपना संजोया है कि साल 2047 में जब हम भारत की आजादी का शताब्दी वर्ष मनाएंगे तब भारत एक विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित हो। उस सपने को साकार करने में हर नागरिक को अपना योगदान ईमानदारी के साथ देना होगा। इस दिशा में पत्रकारिता की अहम् भूमिका अदा कर सकता है। इससे रोजगार के अवसर तो सृजित होंगे ही साथ ही राष्ट्रीयता की भावना को भी जागृत किया जा सकता है। आवश्यकता है कि युवाओं को भारत और भारतीयता से जोड़ कर राष्ट्र सेवा के लिए प्रोत्साहित किया जाए। इससे, विरासत और संस्कृति तो सुदृढ़ होगी ही, देश को भी नई ताकत मिलेगी।
समारोह में संस्कृति विभाग के सहायक निदेशक एवं रेडियो जयघोष के नोडल अधिकारी अमित अग्निहोत्री और जिम्सी कानपुर के निदेशक प्रो. (डॉ.) उपेन्द्र के मध्य एमओयू हस्ताक्षित किया गया।
समारोह में भोपाल दूरदर्शन के पूर्व अतिरिक्त महानिदेशक प्रभु झिंगरन की पुस्तक “मोबाइल पत्रकारिता” के दूसरे संस्करण का विमोचन भी किया गया। प्रभु झिंगरन ने कहा कि संस्कृति उत्थान से ही समाज का उत्थान संभव है। दैनिक जागरण लखनऊ के महाप्रबंधक जे.के.द्विवेदी ने कहा कि आज भी पत्रकारिता की विश्वसनीयता और जमीन से जुड़ाव बरकरार है।
आरजे प्रतीक ने “मन की बात” कार्यक्रम के माध्यम से बताया कि रेडियो आज भी दूरस्थ क्षेत्रों में खासा लोकप्रिय है।
आरजे राधेश्याम दीक्षित और आरजे समरीन के संचालन में हुए इस समारोह की शुरुआत मौसमी भारती के मंगलदीपक गीत से हुई।
आयोजन में उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी के निदेशक तरुण राज, पर्यटन सलाहाकार जे.पी.सिंह, रेडियो जयघोष के समन्वयक डॉ.दुर्गेश पाठक, संस्कृति विभाग की सहायक निदेशक रेनू रंगभारती, संस्कृति विभाग के सहायक निदेशक तुहिन द्विवेदी सहित अन्य उपस्थित रहे।
इस अवसर पर आमंत्रित अतिथियों को स्मृति चिन्ह स्वरूप में मर्यादापुरुषोत्तम राम की छवि और तुलसी का पौधा, भेंट किया गया। रेडियो, टीवी एंकरिंग और लेखन की 27 जून से 2 जुलाई तक आयोजित कार्यशाला के पहले दिन न्यूजट्रैक, अपना भारत के संपादक योगेश मिश्र, आरजे करिश्मा, आरजे प्रतीक मेहरा और पत्रकार नवल कांत सिन्हा ने डिजिटल लिटरेसी को समय की मांग बताते हुए उसकी व्यवहारिकता के संदर्भ में लोगों को जागरुक किया।
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