25 नवंबर: इतिहास में खोए हुए सितारों की अमिट विरासत

25 नवंबर का दिन भारतीय इतिहास में उन महान विभूतियों की याद दिलाता है, जिन्होंने अपने कार्यक्षेत्र में अमिट छाप छोड़ी। राजनीति, कला, संगीत, नृत्य और सैन्य सेवा — हर क्षेत्र से जुड़ी ये हस्तियाँ आज भी प्रेरणा के स्रोत हैं। आइए, इस तिथि पर दिवंगत हुए महापुरुषों को संक्षेप में नमन करें।

  1. अहमद पटेल (2020)
    गुजरात के भरूच जिले के पिरामन गाँव में जन्मे अहमद पटेल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के रणनीतिक मस्तिष्क माने जाते थे। अपनी सरलता, शांत स्वभाव और राजनीतिक कौशल से उन्होंने पार्टी संगठन को मजबूत किया। संसद में तीन दशक से अधिक सक्रिय रहकर उन्होंने राष्ट्रहित में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
  2. सितारा देवी (2014)
    कोलकाता में जन्मीं सितारा देवी कथक नृत्य की जीवित ‘देवी’ कही जाती थीं। उन्होंने परंपरागत कथक में नवता जोड़कर भारतीय नृत्य को वैश्विक पहचान दिलाई। कला के प्रति समर्पण, तेज़ लय और मनमोहक भाव-भंगिमाएँ उन्हें विश्वभर के दर्शकों के बीच विशेष बनाती थीं।
    • आर. वी. एस. पेरी शास्त्री (1990)
      तमिलनाडु में जन्मे पेरी शास्त्री भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त रहे और चुनाव प्रणाली को पारदर्शी बनाने में अग्रणी भूमिका निभाई। प्रशासन में उनकी दृढ़ता, ईमानदारी और सुधारवादी सोच ने लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
    • ये भी पढ़ें –25 नवंबर के उजाले: इतिहास में जन्मे वे व्यक्तित्व
  3. चन्दूलाल शाह (1975)
    गुजरात के उंबरगाँव में जन्मे चन्दूलाल शाह हिंदी सिनेमा के अग्रणी निर्माता-निर्देशक और पटकथा लेखक थे। प्राचीन विषयों पर आधारित उनकी फ़िल्में भारतीय फ़िल्म इतिहास की क्लासिक धरोहर हैं। उन्होंने स्टूडियो सिस्टम को मजबूत कर उद्योग को नई दिशा प्रदान की।
  4. यू. थांट (1974)
    बर्मा (अब म्यांमार) के पांतानाव में जन्मे यू. थांट संयुक्त राष्ट्र के तीसरे महासचिव रहे। शिक्षा, कूटनीति और वैश्विक शांति के प्रति उनके प्रयासों ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति को नई दिशा दी। शांति स्थापना के लिए उनका योगदान विश्व इतिहास में दर्ज है।
  5. आर. सी. बोराल (1981)
    कोलकाता में जन्मे आर. सी. बोराल भारतीय सिनेमा के शुरुआती दौर के अनमोल संगीतकार रहे। उन्होंने पौराणिक और सामाजिक फिल्मों में संगीत के स्वरूप को नई ऊँचाइयाँ दीं। उनकी धुनों ने भारतीय फिल्म संगीत की नींव को मजबूत किया।
  6. यशवंतराव चव्हाण (1984)
    महाराष्ट्र के सटारा जिले में जन्मे यशवंतराव चव्हाण राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री और भारत के उपप्रधानमंत्री रहे। स्वतंत्रता के बाद महाराष्ट्र निर्माण, कृषि सुधार और प्रशासन को नई दिशा देने में उनका योगदान अद्वितीय माना जाता है।
  7. मेजर रामास्वामी परमेस्वरन (1987)
    तमिलनाडु में जन्मे मेजर परमेस्वरन भारतीय सेना के वीर योद्धा थे जिन्हें परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया। अदम्य साहस, नेतृत्व क्षमता और देशभक्ति उनके व्यक्तित्व की पहचान थी। ऑपरेशन पवन के दौरान उनका बलिदान राष्ट्र के लिए अमर प्रेरणा है।
Editor CP pandey

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