लखनऊ (राष्ट्र की परम्परा डेस्क) भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री नवदीप रिणवा ने बुधवार को उन राजनीतिक दलों की सुनवाई की, जो विगत छह वर्षों से किसी भी लोकसभा या विधानसभा चुनाव में हिस्सा नहीं ले रहे हैं।
प्रदेश के पते पर पंजीकृत कुल 121 राजनीतिक दलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। इनमें से 03 सितम्बर को 51 दलों को सुनवाई के लिए बुलाया गया, जिनमें से 17 दलों के प्रतिनिधि ही उपस्थित हुए। इस प्रकार 02 व 03 सितम्बर को हुई संयुक्त कार्यवाही में कुल 55 दलों ने उपस्थित होकर अपना पक्ष रखा।
सुनवाई के दौरान मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने राजनीतिक दलों से अंशदान रिपोर्ट, वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट व निर्वाचन व्यय विवरण जैसे आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि–
प्रत्येक दल को प्रतिवर्ष 30 सितम्बर तक अंशदान रिपोर्ट और 31 अक्टूबर तक आय-व्यय का लेखा-जोखा देना अनिवार्य है।
लोकसभा चुनाव के बाद 90 दिन और विधानसभा चुनाव के बाद 75 दिन में व्यय विवरण आयोग को उपलब्ध कराना होगा।
किसी भी व्यक्ति से 20 हजार रुपए से अधिक का चंदा प्राप्त होने पर उसका विवरण दर्ज करना आवश्यक है।
श्री रिणवा ने यह भी कहा कि सभी पंजीकृत दल अपना ईमेल, मोबाइल नंबर व वर्तमान पता अपडेट रखें, जिससे आयोग के निर्देश समय पर प्राप्त हो सकें।
बुधवार को जिन दलों के प्रतिनिधि सुनवाई में शामिल हुए, उनमें गदर पार्टी (प्रतापगढ़), नवचेतना पार्टी (मैनपुरी), नवीन समाजवादी दल (प्रयागराज), निस्वार्थ सेवा राष्ट्र सेवा पार्टी (प्रयागराज), पूर्वांचल क्रांति पार्टी (जौनपुर), राष्ट्रवादी इंसान पार्टी (प्रयागराज), राष्ट्रवादी समाज पार्टी (कानपुर नगर), राष्ट्रीय बंधुत्व पार्टी (प्रयागराज), आम जन क्रांति पार्टी (इटावा), राष्ट्रीय लोकतंत्र दल (हापुड़), राष्ट्रीय मानव विकास पार्टी (अमरोहा), सामूहिक एकता पार्टी (कानपुर नगर), सर्वप्रिय समाज पार्टी (इटावा), सत्य शिखर पार्टी (अयोध्या), यूथ सोशलिस्ट पार्टी (मुरादाबाद), युवा अनुभव पार्टी (गोरखपुर) और भारतीय युवा स्वाभिमान पार्टी (औरैया) शामिल हैं।
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