मिर्जापुर (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)।बुधवार को मिर्जापुर जनपद उस वक्त दहल उठा जब चुनार रेलवे स्टेशन पर श्रद्धालुओं से भरी भीड़ के बीच एक दिल दहला देने वाला हादसा हो गया। कालका एक्सप्रेस ट्रेन से कटकर 6 महिलाओं की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। हादसे में मरने वालों में दो सगी बहनें भी शामिल हैं। यह भीषण दुर्घटना कार्तिक पूर्णिमा के पावन स्नान के दौरान हुई, जब हजारों श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए स्टेशन पहुंचे थे।
ये भी पढ़ें –गोरखपुर में पूर्व ब्लॉक प्रमुख पर छात्रा से छेड़छाड़ और दुष्कर्म की कोशिश का आरोप, FIR दर्ज
💥 हादसे का मंजर: पलक झपकते ही बिछ गईं लाशें
जानकारी के अनुसार चुनार स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर-3 पर चोपन पैसेंजर ट्रेन पहुंची थी। भीड़ इतनी अधिक थी कि कई श्रद्धालु प्लेटफॉर्म पर न उतरकर दूसरी ओर के ट्रैक से पार उतरने लगे।
उसी समय तेज रफ्तार से कालका एक्सप्रेस वहां से गुजरी — और एक पल में कई महिलाएं उसकी चपेट में आ गईं।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पुरुष तो किसी तरह प्लेटफॉर्म पर चढ़ गए, लेकिन महिलाएं नहीं चढ़ पाईं और पलभर में ट्रेन के नीचे आकर उनके शवों के टुकड़े 50 मीटर तक बिखर गए।रेलवे अधिकारियों ने बताया कि कालका एक्सप्रेस का चुनार स्टेशन पर कोई स्टॉपेज नहीं था, इसलिए ट्रेन पूरी स्पीड में थी। हादसा इतना भयावह था कि लोग संभलने तक नहीं पाए।
ये भी पढ़ें – ‘आदि कर्मयोगी योजना’ से बदलेगी वंचित बस्तियों की सूरत, सात जिलों में शुरू हुई विकास पहल
😢 पहचान और गांव में मातम मृतकों में शामिल हैं —
सविता (28) और साधना (15) — सगी बहनें
शिवकुमारी (17) अंजू देवी (20) कलावती देवी (50), सोनभद्र निवासी एक अन्य महिला की शिनाख्त अभी नहीं हो पाई है।
सभी महिलाएं मिर्जापुर के खमरिया गांव से आई थीं। एक ही गांव की पांच महिलाओं के एक साथ मौत की खबर से पूरा इलाका मातम में डूब गया है।
ये भी पढ़ें – कार्तिक पूर्णिमा पर दोहरीघाट सरयू तट पर उमड़ा आस्था का सैलाब, श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी, मेले में दिखी लोकसंस्कृति की झलक
🙏 सुशीला देवी का चमत्कारिक बचाव
हादसे के बाद पहले सुशीला देवी (60) के मरने की खबर भी फैली, लेकिन जब लेखपाल जांच करने पहुंचे, तो वह जिंदा मिलीं।
सुशीला ने बताया — “भीड़ ज्यादा थी, मैं ट्रेन से उतर नहीं पाई… और इसी वजह से मेरी जान बच गई।”
उनकी जीवित मिलने की खबर ने गांव में थोड़ी राहत जरूर दी, लेकिन माहौल अब भी ग़मगीन है।
ये भी पढ़ें – सामाजिक समरसता के साथ गायघाट, पर जिला गंगा समिति द्वारा मनाया गया गंगा महोत्सव
🚔 प्रशासन और सरकार की प्रतिक्रिया
डीएम पवन गंगवार ने बताया कि भीड़ अधिक होने के कारण यात्री गलत दिशा में ट्रैक पार कर रहे थे, तभी यह हादसा हुआ।
जीआरपी एसपी प्रशांत वर्मा ने कहा कि प्लेटफॉर्म पर सुरक्षा के इंतजाम थे, लेकिन श्रद्धालु दूसरी ओर उतर गए। लापरवाही की जांच की जा रही है।
वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस दुखद घटना पर गहरा शोक जताया और मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।
ये भी पढ़ें – तेज रफ्तार ई-रिक्शा ने पूर्व सैनिक को रौंदा
💬 प्रत्यक्षदर्शी बोले – “जैसे ही ट्रेन गुजरी, सब कुछ खत्म हो गया”प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जब ट्रेन प्लेटफॉर्म से गुजरी तो कुछ ही सेकंड में सब खत्म हो गया। “ट्रेन गुजरने के बाद जब धुआं छटा, तो ट्रैक पर सिर्फ लाशें और बिखरे कपड़े नजर आ रहे थे।”हादसे की इस भयावह तस्वीर ने हर किसी का दिल झकझोर दिया।
🕯️ शोक और सवाल दोनों बाकी हैं
कार्तिक पूर्णिमा जैसे पुण्य पर्व पर हुई यह घटना न केवल पूरे मिर्जापुर बल्कि पूरे प्रदेश को हिला गई।
अब सवाल यह उठ रहा है कि इतनी भीड़ के बावजूद ट्रेन को धीमी गति से क्यों नहीं गुजारा गया और भीड़ प्रबंधन में चूक क्यों हुई?
🌞07 नवम्बर 2025: सुख, सिद्धि और सौभाग्य का अद्भुत संगम — आज का शुभ पंचांग…
ताजनगरी में चमकेगा फुटवियर उद्योग का भविष्य: ‘17वां मीट एट आगरा’ कल से आगरा ट्रेड…
🗳️ बिहार में लोकतंत्र का उत्सव: पहले चरण की वोटिंग ने तोड़े 25 साल के…
बलिया(राष्ट्र की परम्परा)l जिलाधिकारी मंगल प्रसाद सिंह ने गुरुवार को ऐतिहासिक ददरी मेला स्थल का…
देवरिया (राष्ट्र की परम्परा)। भारत में हॉकी के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में…
गोरखपुर (राष्ट्र की परम्परा)। पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए दीनदयाल…