प्रदेश के विद्यालयों में ‘वंदे मातरम्’ गायन अनिवार्य होगा: योगी आदित्यनाथ

गोरखपुर (राष्ट्र की परम्परा)। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सभी विद्यालयों में ‘वंदे मातरम्’ के अनिवार्य गायन की घोषणा करते हुए कहा कि यह कदम राज्य में राष्ट्रीय चेतना और सांस्कृतिक गौरव को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। उन्होंने कहा कि ‘वंदे मातरम्’ केवल एक गीत नहीं, बल्कि भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की धड़कन रहा है। इसे गाकर पीढ़ियों ने राष्ट्र के प्रति समर्पण, साहस और एकता का संदेश प्रसारित किया है।
गोरखपुर में एकता यात्रा का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि आज की युवा पीढ़ी को अपनी सांस्कृतिक जड़ों और स्वतंत्रता संघर्ष के मूल्यों से जोड़ना आवश्यक है। उनके अनुसार, विद्यालयों में ‘वंदे मातरम्’ के नियमित गायन से बच्चों के मन में देशभक्ति की भावना और भारतीय संस्कृति के प्रति सम्मान और अधिक सुदृढ़ होगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रगीत का स्वर केवल प्रार्थना सभा तक सीमित न रहकर, बाल मन में एक सकारात्मक ऊर्जा और राष्ट्रीय गौरव का भाव संचारित करेगा।
उन्होंने ऐतिहासिक प्रसंगों का उल्लेख करते हुए बताया कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान ‘वंदे मातरम्’ ने लोगों में असाधारण ऊर्जा और जोश भरा था। 1896 से लेकर 1920 के दशक तक यह कांग्रेस अधिवेशनों में नियमित रूप से गाया जाता रहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि समय के साथ इस गीत को लेकर कई विचार उभरते रहे, लेकिन इसकी राष्ट्रीय महत्ता और प्रेरक शक्ति कभी क्षीण नहीं हुई।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रदेश सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि प्रदेश के हर सरकारी और निजी विद्यालय में प्रतिदिन प्रार्थना सभा के दौरान ‘वंदे मातरम्’ का सामूहिक गायन अनिवार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि इससे विद्यार्थियों में मातृभूमि के प्रति निष्ठा और सम्मान की भावना विकसित होगी और नई पीढ़ी राष्ट्र के मूल्यों को समझ सकेगी।
उन्होंने कहा कि भारत की एकता, अखंडता और सांस्कृतिक विविधता को सम्मानित करने के लिए ऐसे गीतों का सामूहिक गायन अत्यंत आवश्यक है। उनके अनुसार, जब बच्चे एक स्वर में राष्ट्रगीत गाते हैं, तो उनमें सामाजिक समरसता, जिम्मेदारी और साझा विरासत के प्रति विश्वास मजबूत होता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय प्रतीकों और सांस्कृतिक परंपराओं के प्रति सम्मान राष्ट्र की प्रगति का आधार है। उन्होंने अपील की कि विद्यालय, शिक्षक और अभिभावक इस पहल का समर्थन करें ताकि बच्चे केवल पुस्तक से नहीं बल्कि संस्कृति और परंपरा से भी सीखते हुए आगे बढ़ें।

rkpnews@desk

Recent Posts

लाल किला धमाका: डीएनए रिपोर्ट ने खोला राज, डॉ. उमर नबी ही चला रहा था विस्फोटक कार

नई दिल्ली (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)दिल्ली के लाल किले के पास हुए धमाके की जांच…

2 hours ago

असम में सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट डालने वालों पर बड़ी कार्रवाई, सीएम सरमा बोले — अब तक 15 गिरफ्तार!

गुवाहाटी/दिल्ली (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। दिल्ली धमाके के बाद सोशल मीडिया पर भड़काऊ और आपत्तिजनक…

2 hours ago

निर्वासित शेख हसीना का बड़ा बयान: बांग्लादेश लौटने की शर्तें रखीं, यूनुस सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

नई दिल्ली (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)भारत में निर्वासन झेल रहीं बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख…

2 hours ago

जीवित पति को ‘मृत’ दिखाकर मां-बेटियों ने उड़ाई सरकारी रकम, खुलासा होने पर मचा हड़कंप!

बरेली (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के आंवला में एक चौंकाने…

2 hours ago

ठंड ने बढ़ाई ठिठुरन, कोहरे के बीच दिन में धूप से राहत

संत कबीर नगर(राष्ट्र की परम्परा)। जिले में सर्दी ने अब पूरी तरह से दस्तक दे…

3 hours ago