Sunday, December 21, 2025
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मदर ऑफ़ ऑल रशियन सिटीज पर,फादर ऑफ़ ऑल बॉम के इस्तेमाल से भयंकर तबाही के संकेत?

गोंदिया – वैश्विक स्तरपर दुनियां नें दो विश्व युद्ध प्रथम व द्वितीय देख चुकी है, जिसकी भयंकर तबाही को आज भी महसूस किया जाताहै।दुनियां में अमेरिका द्वारा हिरोशिमा व नागासाकी पर गिराए गए परमाणु बम के दुष्टपरिणामों को आज भी महसूस किया जाता है, क्योंकि इसके प्रभाव के अंश आज भी पीढ़ियों में देख कर महसूस किया जा सकता है।इन दोनों विश्व युद्ध के बाद दुनियां सहम व सचेत हो गई है, जिसके परिणाम स्वरूप अनेक अंतरराष्ट्रीय मंच बने व 200 से अधिक देशों का संयुक्त राष्ट्र भी बन गया,फिर भी हम महसूस करते हैं कि कहीं ना कहीं अभी भी वैश्विक गुटबाजी बरकरार है,अनेक देशों ने गुटबाजी से यूरोपीय संघ 27 देश,अफ़्रीकी संघ 55 देश नाटो 32 देश, इस्लामिक सहयोग संगठन (आईओसी) के 29 देश दक्षिण, एशिया क्षेत्रीय सहयोग संगठन,जी-7 जी-21 दक्षिण एशिया, उत्तर एशिया सहित अनेक छोटे-बड़े और भी अनेकों संगठनो में दुनियां बटी हुई है। अनेक मुद्दों पर संयुक्त राष्ट्र आमसभा में भी वोटिंग में पक्ष विपक्ष व न्यूट्रल के रूप में हम कई मुद्दे पर देख सकते हैं। आज यह बात हम इसलिए कर रहे हैं क्योंकि हमास- इजराइल व यूक्रेन-रूस युद्ध में अब बड़ा आकार होने की संभावना बढ़ गई है, जहां एक ओर हमास इजरायल युद्ध में ईरान व इस्लामिक देश बनाम यूरोपीय यूनियन हो गया है, तो वहीं दूसरी ओर यूक्रेन-रूस युद्ध में भी अब रूस बनाम नाटो देश हो गए हैं। दिनांक 15 सितंबर 2024 को मीडिया में आए पूर्व रूसराष्ट्रपति व पुतिन के खासम खास माने जाने वाले दिमित्री मेटदेव के टेलीग्राम पोस्ट ने खलबली मचा दी है, जिसमें रशियन शहरों की मां कीव के ऊपर फादर ऑफ ऑल बॉम के हमले से वहां एक विशाल ढाबा बनने की ओर संकेत दिए गए हैं,जिससे तीसरे विश्व युद्ध की संभावना सेइनकार नहीं किया जा सकता है।चूंकि मदर ऑफ ऑल रशियन सिटीज पर फादर ऑफ ऑल बम इस्तेमाल के संकेत दिए जा रहे हैं इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यमसे चर्चा करेंगे, दुनियां के देशों में आपसी युद्ध आतंकवाद व हठधर्मी में आम जनता के पिसनें को अंतरराष्ट्रीय मंचों ने रेखांकित करना समय की मांग है।
साथियों बात अगर हम यूक्रेन की राजधानी कीव जो मदर ऑफ रशियन सिटी है,उसपर फादर ऑफ ऑल बम इस्तेमाल करने की करें तो, पूर्व रूसी राष्ट्रपति और व्लादिमीर पुतिन के खास समझे जाने वाले दिमित्री मेदवेदेव ने यूक्रेन के खिलाफ रूस में अब तक तैयार सबसे बड़े बम के इस्तेमाल का संकेत दिया है। इस बम को फॉदर ऑफ आल बॉम्ब (एफओएबी) कहा जाता है। मेदवेदेव ने टेलीग्राम पोस्ट में लिखा, आप किसी के धैर्य की परीक्षा केवल कुछ समय समय के लिए ही ले सकते हैं। इसी पोस्ट में उन्होंने कीव पर हमले का संकेत देते हुए आगे लिखा,सच है कि रूस से इस प्रतिक्रिया काउपयोग करने की संभावना नहीं है, लेकिन यह भी एक संभावना है। उन्होंने कहा कि फिर क्या होगा, यह खत्म हो जाएगा। उस जगह जहां कभी रूसी शहरों की मां खड़ी थी, वहां एक विशाल धब्बा रह जाएगा। यहां ये जानना जरूरी है कि जब मेदवेदेव रूसी शहरों की मां कह रहे हैं तो इसका सीधा मतलब कीव है। यूक्रेन की राजधानी को मदर ऑफ ऑल रसियन सिटीज कहा जाता है।एफओएबी की चुनौतियां, रूस के बमवर्षक बेड़े के सभी विमान फादर ऑफ आल बॉम्ब को गिराने के लिए तैयार हैं। हालांकि, मेदवेदेव ने नए डिलीवरी वाहनों के उपयोग की बात कही है जो यह संकेत देता है कि रूस बेहतर डिलीवरी विकल्पों पर विचार कर रहा है। रूस इस बम के लिए आरएस28 सरमैट जैसी मिसाइल का इस्तेमाल कर सकता है। यह अंतरमहाद्वीपीय मिसाइल 10 टन का पेलोड ले जाने में सक्षम है। सरमैट को सोवियत युग के एसएस-18 को बदलने के लिए डिजाइन किया गया था। यह पेलोड क्षमता के मामले में सबसे शक्तिशाली अंतर महाद्वीपीय (इंटरकॉन्टिनेंटल) बैलिस्टिक मिसाइलों में से एक है।महत्वपूर्ण बात यह है कि मिसाइल को पारंपरिक या परमाणु वारहेड ले जाने के लिए डिजाइन किया गया है। कई बम एक साथ कर सकता है लॉन्च7 टन का एफओएबी सरमैट के लिए ले जाना आसान होगा। चूंकि सरमैट को कई वारहेड ले जाने के लिए डिजाइन किया गया है। इसलिए संभव है कि यह एक से ज्यादा लक्षित एफओएबी को ले जा सके। सरमैट एक लिक्विड फ्यूल वाली मिसाइल है, जिसका लॉन्च वजन 208.1 मीट्रिक टन है। इस वजन में ज्यादातर हिस्सा ईंधन का है। सैद्धांतिक रूप से मिसाइल के ईंधन भार को कम करके पेलोड को बढ़ाना संभव है। एक आसान विकल्प यह होगा कि बड़े वारहेड को समायोजित करने के लिए कुछ या सभी चरणों में ईंधन लोडिंग को कम किया जाए। हालांकि, पेलोड बढ़ाने से मिसाइल की स्थिरता और लक्ष्य को भेदने की सटीकता प्रभावित हो सकती है।
साथियों बात अगर हम फादर ऑफ़ ऑल बॉम को जानने की करें तो, इसको सबसे घातक थर्मोबेरिक हथियार कहा जाता है। इसे एविएशन थर्मोबेरिक बॉम्ब ऑफ इन्क्रीज्ड पॉवर कहा जाता है। रूस ने इसे साल 2007 में विकसित किया था। इसे दुनिया का सबसे घातक गैर परमाणु हथियार कहा जाता है। फादर ऑफ ऑल बॉम्ब का वजन 7100 किलोग्राम है और यह एक ही बार में करीब 44 टन टीएनटी की ताकत का धमाका कर सकता है। इस बम की विनाशकारी ताकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यह एक बार के इस्तेमाल में करीब 300 मीटर के क्षेत्र को जलाकर खाक कर सकता है। यह थर्मोबेरिक हथियार है। इसे वैक्यूम बॉम्ब के नाम से भी जाना जाता है। इसकी सबसे बड़ी खूबी है कि यह वातावरण से ऑक्सीजन को सोख लेता है और खुद को अधिक शक्तिशाली बनाकर जमीन से ऊपर ही धमाका करता है। इस धमाके से किसी सामान्य (कम ताकत के) परमाणु बम की तरह ही गर्मी पैदा होती है। इसके साथ ही धमाके से एक अल्ट्रासोनिक शॉकवेव भी निकलता है जो और अधिक तबाही लाता है। यही कारण है कि इस हथियार को किसी भी अन्य पारंपरिक हथियार से अधिक शक्तिशाली माना जाता है।रूस का फादर ऑफ ऑल बॉम्ब, अमेरिका के मदर ऑफ ऑल बॉम्ब के खिलाफ तैयार किया गया हथियार है। साल 2003 में अमेरिका ने फ्लोरिडा में इस बम का परीक्षण किया था। इसका आधिकारिक नाम जीबीयू -43/बी है। यह बम ताकत के मामले में रूस के बम से कहीं पीछे है। इसका वजन करीब 10, हज़ार किलोग्राम है और यह 11टीएनटी के करीब ताकत से धमाका
करता है। यह अपने धमाके की चपेट में 150 से 300 मीटर तक के क्षेत्र में तबाही लाने की ताकत रखता है।अमेरिका के पास मदर ऑफ ऑल बॉम्ब रूस का फादर ऑफ ऑल बॉम्ब अमेरिका के मदर ऑफ ऑल बॉम्ब के खिलाफ तैयार किया गया हथियार है। साल 2003 में अमेरिका ने फ्लोरिडा में इस बम का परीक्षण किया था। इसका आधिकारिक नाम जीबीयू -43/B है। यह बम ताकत के मामले में रूस के बम से कहीं पीछे है। साल 2017 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति के आदेश पर अमेरिकी सेना ने अफगानिस्तान में मदर ऑफ ऑल बॉम्ब का इस्तेमाल कियाथा।कईमीडिया रिपोर्ट बताती है कि साल 2017 में ही रूस ने भी सीरिया में थर्मोबेरिक हथियार फादर ऑफ ऑल बॉम्ब का इस्तेमाल किया था। विभिन्न मीडिया रिपोर्टों और विदेशी रक्षा एजेंसियों की ओर से इस बात का दावा किया जा रहा है कि रूस किसी भी वक्त यूक्रेन में फादर ऑफ ऑल बॉम्ब का इस्तेमाल कर सकता है।रिपोर्ट के अनुसार रूसी राष्ट्रपति ने अपनी सेना को इसके लिए आदेश भी दे रखे हैं। अमेरिका के पास है मदर ऑफ ऑल बॉम्ब अमेरिका के पास दुनिया का दूसरा सबसे घातक गैर-परमाणु बम है, जिसे मदर ऑफ ऑल बॉम्बया एमओएबी यानी मैसिव ऑर्डिनेंस एयर ब्लास्ट बॉम्ब कहा जाता है।अमेरिका ने पहली बार मदर ऑफ ऑल बॉम्ब का टेस्ट 2003 में फ्लोरिडा में किया था। इसे आधिकारिक तौर पर जीबीयू-43 कहा जाता है।अमेरिका के मदर ऑफ ऑल बॉम्ब का वजन 21,600 पाउंड या करीब 10 हजार किलोग्राम है।ये अमेरिकी बम 11 टन टीएनटी की ताकत से धमाका करता है और 150 से 300 मीटर के दायरे में आने वाली चीजों को नेस्तनाबूद कर सकता है।
साथियों बात अगर हम रूस यूक्रेन युद्ध के बढ़ते दायरे की करें तो, रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध लगातार बढ़ता ही जा रहा है। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने भी यह बात साफ कर दी है कि जल्द ही रूस यूक्रेन की राजधानी कीव पर कब्जा कर सकता है।हालांकि अब इस बात की भी आशंका जताई जा रही है कि युद्ध में यूक्रेन के हथियार न डालने की स्थिति में रूस अपने पास उपलब्ध दुनिया के सबसे घातक गैर परमाणु हथियार
फादर ऑफ ऑल बॉम्ब का इस्तेमाल कर सकता है।यूक्रेन के खिलाफ रूस का हमला और तेज हो गया है। इस युद्ध में रूस को यूक्रेनका कड़ा प्रतिरोध झेलना पड़ रहा है। ब्रिटिश मीडिया ने आशंका जताई है कि यूक्रेन को युद्ध में जल्द घुटनों पर लाने के लिए रूसी राष्ट्रपति अपने सबसे घातक हथियारों में से एक फादर ऑफ ऑल बॉम्ब का इस्तेमाल कर सकते हैं।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि मदर ऑफ़ ऑल रशियन सिटीज पर फादर ऑफ़ ऑल बॉम के इस्तेमाल से भयंकर तबाही के संकेत?अमेरिका के मदर ऑफ़ऑल बॉम के खिलाफ़, रूस ने फादर ऑफ़ ऑल बॉम तैयार किया गया हथियार है।दुनियां के देशों में आपसी युद्ध, आतंकवाद व हठधर्मी में आम जनता के पिसनें को अंतरराष्ट्रीय मंचों ने रेखांकित करना समय की मांग है।

-संकलनकर्ता लेखक कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र

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