उतरौला/बलरामपुर(राष्ट्र की परम्परा) स्थानीय तहसील के ग्राम जाफराबाद निवासिनी प्यारी देवी के पति हरीराम वर्मा की वर्ष 2017 में मौत हो गई अब परिवार को पालने की जिम्मेदारी प्यारी देवी के कंधों पर आ गई। पति को खोने के बाद भी हौसला नही खोया, खुद को कमजोर नही पड़ने दिया।और बेटे के लिए मां के साथ पिता भी बनी और जीविका चलाने के लिए उसने मत्स्य पालन का कारोबार करने का निर्णय लिया। कई जनपदों में फैला कारोबार : वर्ष 2022 में मत्स्य संपदा योजना से करीब को 50 लाख रुपये से प्यारी देवी ने कारोबार शुरू किया था। इसमें न केवल उनकी स्थिति सुधरी बल्कि 50 अन्य परिवारों को रोजगार दिया। मत्स्य संपदा योजना से मिली सहायता प्यारी देवी बताती हैं कि मैं मत्स्य विभाग बलरामपुर के अधिकारियों को धन्यवाद देना चाहती हूं कि उनके सहयोग से प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना ने रोजगार बढ़ाने में काफी मदद की।योजना के तहत 50लाख रूपए की सहायता उन्हें 60 प्रतिशत अनुदान पर मिला। इस अनुदान से मछली पालन के व्यवसाय में काफी लाभ हुआ। मछली के साथ साथ अब अनाज और सब्जी के खेती की भी शुरूआत की गई है। कई जिलों में फैला व्यवसाय वर्ष 2022में मत्स्य संपदा योजना के तहत मिले 50लाख से प्यारी देवी ने मत्स्य पालन का कारोबार शुरू किया था इसमें उन्हें 60प्रतिशत अनुदान भी मिला था, इस पैसे से मत्स्य पालन का कारोबार शुरू की और इससे प्यारी देवी का किस्मत संवर गया। आज उनका कारोबार आस पास के जनपदों में फैल गया है।प्यारी देवी के बेटे अशोक कुमार बताते हैं कि सिध्दार्थ नगर,बस्ती,श्रावस्ती,गोंडा,बहराइच व मनकापुर आदि स्थानों से व्यापारी पहुंचकर जाफराबाद से मछली खरीद रहे हैं।
तीन साल पहले जहां खुद आर्थिक तंगी से जूझ रही प्यारी देवी अब इस व्यवसाय से अपनी जीविका के साथ साथ दूसरों के जीवन में खुशियां बिखेर रहीं हैं। इनके कारोबार से क्षेत्र के करीब 50 परिवार जुड़े हैं। पिछड़े क्षेत्र होने के कारण यहां बेरोजगारी की समस्या बनी रहती है। ऐसे में इन लोगों को रोजगार देकर उनकी जिंदगी में प्यार भरने का काम प्यारी देवी कर रही है।
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