गोरखपुर (राष्ट्र की परम्परा)। स्थानीय राजकीय बौद्ध संग्रहालय में आजमगढ़ के निजामाबाद की टेराकोटा कला की सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का समापन शनिवार को हुआ। इस अवसर पर आयोजित प्रदर्शनी का उद्घाटन मुख्य अतिथि कुमार आनन्द ने किया। कार्यशाला में मुख्य प्रशिक्षक शिव प्रसाद प्रजापति और सह प्रशिक्षक अनिल प्रजापति ने प्रतिभागियों को टेराकोटा कला की बारीकियों से अवगत कराया। प्रोफेसर सुजाता गौतम ने कहा कि टेराकोटा कला का इतिहास लगभग 7000 वर्ष पुराना है और यह कला युवाओं के लिए भविष्य में रोजगार का एक अच्छा माध्यम बन सकती है। मुख्य अतिथि कुमार आनन्द ने कहा कि राजकीय बौद्ध संग्रहालय द्वारा आयोजित यह कार्यशाला युवाओं को भारतीय संस्कृति की समृद्ध परंपरा से जोड़ने का एक सशक्त माध्यम है। संग्रहालय द्वारा तकनीकी शिक्षण और प्रशिक्षण के माध्यम से युवाओं को जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। कार्यशाला के दौरान सृजित कलाकृतियों की प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। समापन समारोह में सभी प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र प्रदान किए गए और मुख्य प्रशिक्षक एवं सहायक प्रशिक्षक को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। संग्रहालय के उप निदेशक डॉ. यशवंत सिंह राठौर ने कार्यक्रम का विस्तारपूर्वक परिचय प्रस्तुत किया और बताया कि संग्रहालय कला, संस्कृति और प्राचीन ऐतिहासिक धरोहरों के प्रति सजग रहने और उन्हें सुरक्षित एवं संरक्षित करने के लिए भावी पीढ़ी को आगे बढ़ाने के लिए कृतज्ञ और समर्पित है। इस अवसर पर आरती प्रभा, दिलेनूर फातिमा, इमरान खान, अमृता सिंह, उदयशील, सोनिका त्रिपाठी आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
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