समाज के प्रहरी बने चिकित्सक और पुलिस अधिकारी हुआ सम्मान
“हम विकासशील देश हैं, लेकिन सुरक्षित देश भी बनना होगा” — राजेश पांडेय
“एक व्यक्ति नहीं, पूरा परिवार तबाह हो जाता है” सड़क सुरक्षा सभी की सामूहिक जिम्मेदारी
हेलमेट नहीं, बहाने मौत का कारण बनते हैं-एसपी ट्रैफिक
गोरखपुर(राष्ट्र की परम्परा)
शहर के शास्त्री चौक स्थित संकुल भवन में मान्यता प्राप्त पत्रकार समिति के तत्वावधान में “सड़क हादसे और बिखरते परिवार” विषय पर एक विचारोत्तेजक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे राजेश पांडेय (आईपीएस), नोडल अधिकारी, पूर्वांचल एवं बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे (यूपीडा)।
कार्यक्रम की अध्यक्षता अरविंद राय, अध्यक्ष मान्यता प्राप्त पत्रकार समिति ने की, जबकि विशिष्ट अतिथियों में एसपी सिटी अभिनव त्यागी, एसपी उत्तरी जितेन्द्र कुमार श्रीवास्तव, एसपी ट्रैफिक राजकुमार पांडेय शामिल रहे।
इस मौके पर गोरखपुर जर्नलिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष रत्नाकर सिंह, गोरखपुर जर्नलिस्ट प्रेस क्लब के अध्यक्ष रितेश मिश्रा, पूर्व अध्यक्ष एसपी सिंह, पूर्व उपाध्यक्ष अजीत यादव, पूर्व मंत्री ओमकार धर द्विवेदी समेत तीनों पत्रकार संगठनों की कार्यकारिणी, वरिष्ठ पत्रकार, चिकित्सक, समाजसेवी और छात्र बड़ी संख्या में मौजूद रहे।
कार्यक्रम के दौरान सड़क दुर्घटनाओं में लोगों की जान बचाने वाले डॉ. रवि राय, डॉ. वी.के. सुमन, डॉ. एस.पी. त्रिपाठी तथा उप निरीक्षक पूजा (आईटीएमएस) को समिति द्वारा सम्मानित किया गया।
इन सभी को “सड़क सुरक्षा प्रहरी सम्मान” प्रदान किया गया।
मुख्य अतिथि राजेश पांडेय एसपी उत्तरी जितेंद्र श्रीवास्तव एसपी सिटी अभिनव त्यागी एसपी ट्रैफिक राजकुमार पांडेय और समिति अध्यक्ष अरविंद राय गोरखपुर जर्नलिस्ट एसोसिएशन अध्यक्ष रत्नाकर सिंह गोरखपुर जर्नलिस्ट प्रेस क्लब अध्यक्ष रितेश मिश्रा ने सम्मान पत्र और स्मृति चिन्ह देकर इनका उत्साहवर्धन किया।
अध्यक्ष अरविंद राय ने कहा “आज सड़क हादसे समाज के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन चुके हैं। कोई व्यक्ति मरता नहीं, पूरा परिवार उजड़ जाता है। चिकित्सकों की भूमिका इन क्षणों में अमूल्य होती है। हाल ही में मेरे भतीजे का एक्सीडेंट हुआ था, लेकिन डॉ. रवि राय ने रात चार बजे आकर उसका ऑपरेशन कर जान बचाई। ऐसे चिकित्सक समाज के लिए आदर्श हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि कुछ दिन पहले प्रयागराज जाते समय उनकी गाड़ी दस फीट गहरी खाई में गिर गई, लेकिन सावधानी और सुरक्षा के कारण सभी लोग सुरक्षित रहे। “हमें हर सफर से पहले वाहन की स्थिति, सीट बेल्ट और ड्राइवर की नींद की जांच जरूर करनी चाहिए
गोरखपुर जर्नलिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष रत्नाकर सिंह ने कहा कि हाईवे और एक्सप्रेसवे पर सबसे बड़ी समस्या है गलत दिशा में आने वाले वाहन और सड़कों पर अचानक आ जाने वाले पशु। उन्होंने कहा कि “बस चालक और ट्रक ड्राइवरों को कई बार डबल ड्यूटी करनी पड़ती है। थकान और नींद के कारण हादसे बढ़ रहे हैं। प्रशासन को जांच प्रणाली सख्त करनी चाहिए, और ट्रैफिक पुलिस को सिर्फ चालान काटने तक सीमित न रहकर सुरक्षा संस्कृति को बढ़ावा देना चाहिए।”
उन्होंने यह भी कहा कि चौराहों पर तैनात ट्रैफिक पुलिस यदि थोड़ी सख्ती और मानवता दोनों के साथ काम करे तो शहर के अधिकांश हादसे रोके जा सकते हैं।
एसपी ट्रैफिक राजकुमार पांडेय ने कहा — “जीवन अमूल्य है। सड़क दुर्घटनाएं अचानक नहीं होतीं, वे हमारी लापरवाही का परिणाम होती हैं। कानून की जितनी जिम्मेदारी पुलिस की है, उतनी ही जनता की भी है। लोग पांच सौ रुपये का चालान भरने को तैयार हैं, लेकिन उतने ही रुपये का हेलमेट खरीदने से हिचकते हैं।”
उन्होंने कहा कि बच्चों के अभिभावक सबसे पहले खुद नियमों का पालन करें और अपने बच्चों को बिना हेलमेट वाहन न चलाने दें। “वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का प्रयोग और तेज रफ्तार दोनों ही सबसे बड़े कारण हैं,” उन्होंने कहा।
एसपी उत्तरी जितेन्द्र कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि सड़क सुरक्षा पर यह आयोजन किसी सरकारी संस्था को करना चाहिए था, लेकिन पत्रकार समिति ने यह कार्य कर समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाई है।
उन्होंने कहा — “अपराध से जितनी मौतें होती हैं, उससे साढ़े चार गुना ज्यादा लोग सड़क दुर्घटनाओं में मरते हैं। लेकिन इन पर न तो वैसी संवेदनशीलता दिखाई जाती है और न ही वैसी चर्चा। हमें समाज में यह संदेश देना चाहिए कि दुर्घटना भी हत्या जितनी गंभीर त्रासदी है।”
उन्होंने कहा कि “गोल्डन ऑवर” यानी दुर्घटना के एक घंटे के भीतर घायल को अस्पताल पहुंचाना जरूरी है। इससे खून का बहाव रुक जाता है और जीवन बच सकता है। “यदि हम 112 या एंबुलेंस को तुरंत सूचना दें तो हर साल सैकड़ों जानें बचाई जा सकती हैं,” उन्होंने कहा।
एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने कहा कि दुर्घटना हमेशा त्रुटियों की देन होती है।
कुछ लोग कहते हैं हेलमेट से बाल खराब हो जाते हैं या सीट बेल्ट से शर्ट की क्रीज बिगड़ जाती है। यह सोच बदलनी होगी। जीवन से बड़ी कोई चीज नहीं।”
उन्होंने शहर के पैडलेगंज और असुरन चौराहों का उदाहरण देते हुए कहा कि ये ऐसे पॉइंट हैं जहाँ सड़कें कई दिशाओं से आती हैं। “सड़क पार करते समय या ओवरटेक करते समय एक पल की सावधानी हमारी और दूसरों की जान बचा सकती है,” उन्होंने कहा।
मुख्य वक्ता और नोडल अधिकारी, पूर्वांचल एवं बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे (यूपीडा) राजेश पांडेय ने कहा कि पत्रकार समिति ने सामाजिक सरोकार का जो उदाहरण प्रस्तुत किया है, वह सराहनीय है।
उन्होंने बताया कि केवल पूर्वांचल और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर अब तक 32 करोड़ रुपये का चालान किया जा चुका है “अधिकतर सड़क हादसे नींद या शराब के नशे में वाहन चलाने से होते हैं। एक्सप्रेसवे पर स्पीड लिमिट का पालन नहीं होता। इलाहाबाद में 320 किमी लंबी जाली दोनों ओर लगाई गई है, जिससे 82 प्रतिशत दुर्घटनाएं कम हुई हैं,” उन्होंने बताया।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी अब सड़क सुरक्षा को लेकर राज्यों से जवाब तलब किया है। “हमें यह समझना होगा कि सड़कें चौड़ी हो रही हैं लेकिन जिम्मेदारी भी उतनी ही बढ़ रही है। बड़े वाहनों के लिए अलग ट्रैक बनाए जाएं तो हादसे कम हो सकते हैं,” उन्होंने सुझाव दिया।
उन्होंने यह भी बताया कि गंगा एक्सप्रेसवे पर ड्राइवरों की नींद और स्पीड की मॉनिटरिंग के लिए डिजिटल सेंसर लगाए जा रहे हैं। “डेटा कहता है कि हादसों में 80% से ज्यादा मामलों में या तो नींद या नशा शामिल होता है। हमें जनजागरूकता बढ़ानी होगी,” उन्होंने कहा।
समिति ने सर्वसम्मति से संकल्प लिया कि पत्रकार समिति, प्रेस क्लब और एसोसिएशन मिलकर शहर और जनपद स्तर पर “रोड सेफ्टी जागरूकता अभियान” चलाएंगे।
इसमें स्कूल-कॉलेजों में विशेष जागरूकता कार्यक्रम, हेलमेट वितरण अभियान और ट्रैफिक नियमों के प्रचार हेतु वॉल पेंटिंग व नुक्कड़ नाटक आयोजित किए जाएंगे।
अंत में समिति के अध्यक्ष अरविंद राय ने सभी अतिथियों, अधिकारियों और पत्रकारों का आभार व्यक्त किया और कहा “अगर हम एक जीवन भी बचा पाए तो यह सबसे बड़ा समाजसेवा का कार्य होगा। सड़क सुरक्षा केवल कानून नहीं, संस्कार है। संगोष्ठी में प्रमुख रूप भजन गायक नंदू मिश्रा जर्नलिस्ट प्रेस क्लब, मंत्री पंकज श्रीवास्तव, उपाध्यक्ष भूपेंद्र द्विवेदी, कोषाध्यक्ष प्रिंस पाण्डेय, सहायक सूचना अधिकारी प्रशांत श्रीवास्तव, नवनीत प्रकाश त्रिपाठी, वहाब खान, मनौव्वर रिजवी, दिग्विजय राय, कंचन त्रिपाठी, टीपी शाही, राम चन्द्र शाही, धीरेन्द्र गुप्ता, अशोक सिंह, रजनीश श्रीवास्तव, मान्यता प्राप्त मंत्री सतीश पाण्डेय, संजय त्रिपाठी, मुकेश पांडेय, जय प्रकाश दुबे, अरुण मिश्र, सूर्य प्रकाश गुप्ता, दुर्गेश यादव, अभिनव राजन चतुर्वेदी, शिवहर्ष द्विवेदी, विभव पाठक, राम गोपाल द्विवेदी, अखलेश पाण्डेय, एडी दुबे, अजय तिवारी, धनेश निषाद, संजय कुमार, हरेंद्र दुबे, सहित अन्य पत्रकार मौजूद रहे कार्यक्रम का संचालन मृत्युंजय नवल ने किया।
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