गोरखपुर (राष्ट्र की परम्परा)।दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के भौतिकी विभाग की बी.एससी. तृतीय सेमेस्टर की छात्राएँ दिव्या शैलजा पांडेय और अनुप्रिया मिश्रा ने विश्वविद्यालय और जनपद का नाम रोशन किया है। दोनों छात्राओं के शोध-लेख भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के यू आर राव सैटेलाइट सेंटर, अंतरिक्ष विभाग, भारत सरकार द्वारा प्रस्तुतीकरण के लिए चयनित किए गए हैं।
दिव्या शैलजा पांडेय का शोध-विषय “एस्ट्रोफिजिकल डेटा के विश्लेषण में आधुनिक सांख्यिकीय तकनीकों का उपयोग” (क्रम संख्या 11) है, जबकि अनुप्रिया मिश्रा का शोध-विषय “उपग्रह प्रेक्षणों के आधार पर अंतरिक्षीय पर्यावरण का मॉडलन” (क्रम संख्या 34) है। दोनों शोध-विषय अंतरिक्ष विज्ञान और आधुनिक डेटा विश्लेषण से जुड़े हुए हैं, जो वर्तमान समय में वैज्ञानिक अनुसंधान के महत्वपूर्ण क्षेत्र माने जाते हैं।
भौतिकी विभाग के अनुसार यह शोध-कार्य विभाग के सहायक आचार्य डॉ. निखिल कुमार के निर्देशन में सम्पन्न हुआ है। छात्राओं की गंभीर अकादमिक रुचि, अनुशासित परिश्रम और अनुसंधान के प्रति समर्पण के कारण यह उल्लेखनीय उपलब्धि संभव हो सकी। विभाग का मानना है कि राष्ट्रीय स्तर के प्रतिष्ठित अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान में शोध-पत्र प्रस्तुत करने का अवसर छात्राओं के लिए प्रेरणादायी होने के साथ-साथ विश्वविद्यालय के लिए भी गर्व का विषय है।
इस अवसर पर भौतिकी विभागाध्यक्ष प्रो. राकेश तिवारी ने दोनों छात्राओं को बधाई देते हुए कहा कि उनके शोध-कार्य से विभाग की अकादमिक पहचान और अधिक सुदृढ़ हुई है तथा इससे अन्य विद्यार्थियों को भी उच्च-स्तरीय शोध के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि भविष्य में भी विभाग के विद्यार्थी अंतरिक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी से जुड़े शोध-प्रोजेक्ट्स में सक्रिय भागीदारी निभाते रहेंगे।
विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने भी दोनों छात्राओं को बधाई देते हुए कहा कि यू आर राव सैटेलाइट सेंटर जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में शोध-पत्र प्रस्तुतीकरण के लिए चयन विद्यार्थियों की प्रतिभा, परिश्रम और विश्वविद्यालय के शैक्षणिक वातावरण की गुणवत्ता को दर्शाता है। उन्होंने विश्वास जताया कि दोनों छात्राएँ आगे भी शोध और उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नई उपलब्धियाँ अर्जित करेंगी।
विशेष रूप से भौतिकी विभाग की ओर से डॉ. निखिल कुमार के प्रति आभार व्यक्त किया गया, जिन्होंने विषय चयन से लेकर डेटा विश्लेषण, परिणामों की व्याख्या और शोध-लेख की तैयारी तक हर चरण में मार्गदर्शन प्रदान किया। विभाग ने कहा कि उनके प्रयासों से विद्यार्थियों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण, मौलिक सोच और अनुसंधान के प्रति रुचि लगातार मजबूत हो रही है।
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