गोरखपुर (राष्ट्र की परम्परा)l जनपद मुख्यालय स्थित दिग्विजयनाथ स्नातकोत्तर महाविद्यालय, गोरखपुर में पुरातन छात्र परिषद द्वारा पुरातन छात्र सम्मेलन के आयोजन में मुख्य अतिथि एवं पुरातन छात्र ज्ञान प्रकाश सिंह, अपर जिला जज, देवरिया ने अपने उद्बोधन में सर्व प्रथम महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. ओम प्रकाश सिंह को धन्यवाद देते हुए महाविद्यालय के इस पहल की सराहना की जिसके माध्यम से महाविद्यालय के पुरातन छात्रों को एक मंच प्राप्त हुआ जहां से वो वर्तमान छात्रों से रूबरू हो सके एवं अपने अनुभवों को उनके बीच साझा कर सके। ज्ञान प्रकाश जी ने कहा की आज जब अपने महाविद्यालय को शैक्षणिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक क्षेत्रों में उन्नति करते हुए देखते हैं तो मन में प्रसन्नता एवं गर्व की अनुभूति होती है। आज का वर्तमान विद्यार्थी बहुत ही भाग्यशाली है की महाविद्यालय में प्लेसमेंट और इनोवेशन सेल भी है जिसके माध्यम से वो पढ़ते हुए रोजगार प्राप्त कर सकते हैं एवं स्टार्टअप योजनाओं का लाभ भी ले सकते हैं।
विशिष्ट अतिथि एवं पुरातन छात्र डॉ. पीएन सिंह, ईएनटी विशेषज्ञ, बीआरडी मेडिकल कालेज, गोरखपुर ने भी अपने विचारों को साझा करते हुए कहा की पुरातन छात्र सम्मेलन शैक्षणिक महत्व का ध्यान रखता है क्योंकि यह छात्रों को पुरातन ज्ञान, संस्कृति, और ऐतिहासिक परंपराओं के साथ जोड़ता है। इसके माध्यम से, छात्र अपने साहित्य, कला, और ऐतिहासिक धारणाओं को विस्तृत रूप से समझते हैं और उन्हें अपने महाविद्यालयी अनुसंधानों में शामिल करने के लिए प्रेरित किया जाता है। इससे उनका ऐतिहासिक और सांस्कृतिक समृद्धि में योगदान होता है।
विशिष्ट अतिथि एवं पुरातन छात्र प्रो रजवंत राव, पूर्व लोक सेवा आयोग सदस्य एवं पूर्व अध्यक्ष, प्राचीन इतिहास विभाग, दी.द.उ. गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर ने कहा की पुरातन छात्र सम्मेलन विद्यार्थियों को अनेक लाभ प्रदान कर सकता है। यह उन्हें पूर्व छात्रों द्वारा अनुभव और उनकी सलाह का अवसर प्रदान करता है, जो उनके कैरियर और जीवन में मार्गदर्शन कर सकते हैं। पुरातन छात्र सम्मेलन वर्तमान विद्यार्थियों के लिए एक महत्वपूर्ण अनुभव हो सकता है। जो उन्हें नौकरी, उच्च शिक्षा, और अन्य क्षेत्रों में सफलता के लिए महत्वपूर्ण उपयोगी सलाह प्रदान कर सकता है।
महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. ओमप्रकाश सिंह ने सम्मेलन में उपस्थित सभी पुरातन छात्रों का सम्मान एवं आभार प्रकट करते हुए कहा की पुरातन छात्र महाविद्यालय के विभिन्न अंगों की तरह विद्यार्थियों के अभिवृद्धि और समृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। शिक्षण छात्रों को उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान करता है, जबकि ऐसे आयोजन उनके दैनिक जीवन को संचालित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। प्रबंधन, समृद्ध अनुभव और विकास की दिशा में छात्रों को प्रेरित करता है और कला और सांस्कृतिक कार्यक्रम छात्रों के संवाद कौशल, सामाजिक सौहार्द, और सांस्कृतिक समझ को बढ़ाते हैं। खेल-कूद और शारीरिक शिक्षा विभाग छात्रों को आत्मविश्वास, स्वास्थ्य और टीमवर्क क्षमता का विकास करने में मदद करता है। साथ ही, अनुसंधान एवं नवाचार छात्रों में अन्वेषणात्मक एवं आलोचनात्मक क्षमता विकसित करता है।
कार्यक्रम का प्रारम्भ दीप प्रज्वलन एवं सरस्वती वंदना के साथ प्राचार्य द्वारा मंच पर उपस्थित अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर किया गया। अतिथि परिचय एवं कार्यक्रम विवरण प्रो. धीरेंद्र सिंह, अध्यक्ष पुरातन छात्र समिति द्वारा, संचालन डॉ. त्रिभुवन मिश्रा, सहायक आचार्य, शिक्षाशास्त्र विभाग द्वारा किया गया एवं अध्यक्षीय उद्बोधन कृष्ण सिंह, अध्यक्ष पुरातन छात्र परिषद द्वारा किया गया।
उक्त कार्यक्रम में पुरातन विद्यार्थी श्रीमती प्रतिमा शुक्ला, जिला गाइड कैप्टन, डॉ. अभिषेक सिंह, डॉ. अभय कुमार, डॉ. गीता सिंह, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष अभय सिंह, राजन कुमार दूबे सहित 50 से अधिक स्थायी पुरातन विद्यार्थी, महाविद्यालय के सेवानिवृत शिक्षक-कर्मचारी एवं सेवारत शिक्षक-कर्मचारी उपस्थित रहे।
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