देवरिया।(राष्ट्र की परम्परा)भाई-बहन के अटूट प्रेम, स्नेह और सुरक्षा के वचन का प्रतीक पर्व रक्षाबंधन इस वर्ष पूर्णिमा तिथि, सोमवार 11 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा। यह पर्व हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है, जब बहनें अपने भाई की कलाई पर रक्षासूत्र (राखी) बांधती हैं और उनके सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। भाई भी इस दिन बहनों की आजीवन रक्षा करने का संकल्प लेते हैं।
रक्षाबंधन पर भद्रा का विशेष महत्व
हिंदू पंचांग के अनुसार, रक्षाबंधन पर यदि भद्रा काल का संयोग बन जाए तो राखी बांधना वर्जित माना जाता है। भद्रा काल को अशुभ माना गया है और इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता। पिछले वर्षों में भी कई बार भद्रा की वजह से राखी बांधने का समय शाम या रात्रि में स्थानांतरित करना पड़ा था।
इस वर्ष रक्षाबंधन पर भद्रा काल
11 अगस्त 2025 को भद्रा काल सुबह 05:44 बजे से दोपहर 02:15 बजे तक रहेगा। इस दौरान राखी बांधने से परहेज करना चाहिए।
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त
भद्रा समाप्त होने के बाद राखी बांधने के लिए शुभ समय दोपहर 02:15 बजे से लेकर रात्रि 08:20 बजे तक रहेगा। इस अवधि में बहनें भाई की कलाई पर राखी बांध सकती हैं।
इसके अतिरिक्त, यदि कोई विशेष पूजा या संकल्प लेना हो तो सायंकाल का समय 06:45 बजे से 07:40 बजे तक श्रेष्ठ माना गया है।
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