गोरखपुर विश्वविद्यालय के लिए गौरवपूर्ण क्षण

कॉमर्स फैकल्टी ने हासिल किया महत्वपूर्ण पेटेंट

गोरखपुर (राष्ट्र की परम्परा)। दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कॉमर्स फैकल्टी ने एक महत्वपूर्ण पेटेंट हासिल किया।उनके इनवेंशन का टाइटल है “एन एडाप्टिव बार मेजरमेंट डिवाइस फॉर फिजिकली डिसेबल्ड”। शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्तियों की क्षमताओं को विकसित करने की दिशा में होटल मैनेजमेंट की यह एक अनूठी पहल है। यह एक ग्राउंड ब्रेकिंग डिवाइस है।इस पेटेंट का श्रेय विभाग के समन्वयक डॉ.अंशु गुप्ता (सहायक आचार्य, वाणिज्य विभाग) के साथ ही संकाय सदस्य आशीष रंजन और मोहम्मद कुरेश खान को जाता है। उनके सहयोगी प्रयासों और समावेशी डिजाइन के प्रति प्रतिबद्धता ने इस उल्लेखनीय उपलब्धि का मार्ग प्रशस्त किया है।होटल प्रबंधन एवं खानपान प्रौद्योगिकी संस्थान द्वारा “शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्ति के लिए एक अनुकूली बार मापन उपकरण” नामक एक ‘ग्राउंड-ब्रेकिंग डिवाइस’ के सफल पेटेंट के साथ एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की गयी है। इस अभिनव उपकरण का उद्देश्य शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्तियों की क्षमताओं में वृद्धि करने के साथ ही उनकी स्वतंत्रता और सुरक्षा को बढ़ाने वाले उपयोगकर्ता-अनुकूल समाधान प्रदान करके आतिथ्य उद्योग में उन व्यक्तियों की पहुंच में क्रांति लाना है।
अनुकूली बार मापन उपकरण के लाभ:

  1. एर्गोनॉमिक रूप से डिज़ाइन किया गया: यह उपकरण शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्तियों को सरलतापूर्वक सामग्री और अन्य पदार्थों को मापने में सहायक है, जिससे उनकी अन्य व्यक्तिओं पर निर्भरता कम होती है और स्वतंत्रता को बढ़ावा मिलता है।
  2. आसान पहुंच: इस उपकरण को सरलता और उपयोग में आसानी को ध्यान में रखकर बनाया गया है, जिससे यह शारीरिक क्षमता के विभिन्न स्तरों वाले उपयोगकर्ताओं की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए सुलभ हो जाता है।
  3. सुरक्षा और सटीकता: सटीक माप को सक्षम करके, डिवाइस तैयारी में सुरक्षा सुनिश्चित करती है, जो व्यक्तिगत और पेशेवर दोनों ही स्थितियों में महत्वपूर्ण है।
  4. बहुमुखी प्रतिभा: इस उपकरण का उपयोग पेशेवर बार से लेकर व्यक्तिगत उपयोग तक, विभिन्न आतिथ्य सेटिंग्स में किया जा सकता है, जो इसे उद्योग के लिए एक मूल्यवान वस्तु बनाता है।
  5. सशक्तिकरण: यह पेटेंट आतिथ्य उद्योग को और अधिक समावेशी बनाने की दिशा में एक कदम आगे है, जो दिव्यांग व्यक्तियों को पाक गतिविधियों में अधिक पूर्ण रूप से भाग लेने के लिए सशक्त बनाता है।

दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की माननीय कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने शिक्षा जगत में नवाचार के महत्व पर प्रकाश डालते हुए इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर आविष्कारकों को बधाई दी। सम्मानित डीन प्रो. श्रीवर्धन पाठक ने भी टीम को बधाई दी और संकाय को भविष्य में ग्राउंड-ब्रेकिंग अनुसंधान और विकास की अपनी खोज जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया।

इनोवेटर्स-
 डॉ. अंशु गुप्ता, समन्वयक एचएमसीटी
 श्री आशीष रंजन, संकाय – एचएमसीटी
 मोहम्मद कुरेश खान, संकाय – एचएमसीटी

यह पेटेंट न केवल विश्वविद्यालय के लिए एक गौरवपूर्ण क्षण है, बल्कि आतिथ्य उद्योग के भीतर समावेशी डिजाइन में एक नया मानक भी स्थापित करता है। विश्वविद्यालय समुदाय ऐसे नवाचारों का स्वागत करता है जो सामाजिक कल्याण और ज्ञान की उन्नति में योगदान करते हैं।

rkpnews@desk

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