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बेटियों के प्रति सकारात्मक सोच

बलिया(राष्ट्र की परम्परा)

बहन या बेटी जब तक घर में रहती है घर का माहौल खुशनुमा रहता है शादी ब्याह के बाद जब वह ससुराल से मायके आती है तो कुछ लोगों का व्यवहार बहुत खराब होता है उनके प्रति उनको लगता है कि बहन या बेटी का मायके आने का मतलब खर्चा बढ़ाना है पर ऐसा नहीं है बहन बेटियों पर खर्च किया गया पैसा किसी ना किसी रूप में बढ़ोतरी ही करता है जो प्रत्यक्ष रूप से देखा जा सकता है बहन हो या बेटी उन्हें मायके से बहुत प्यार होता है मायके से जुड़ी हर यादें वह भुला नहीं पाती है तथा प्यार भरा बचपन और गुजारे गए हर पल उनको सुखद एहसास की अनुभूति कराते हैं बेटियां मायके चंद पैसे लेने नहीं बल्कि अपनी बेशकीमती दुआएं देने आती है हमारी बलाओ को हटाने आती है अपने भाई भाभी को प्यार भरी नजर से देखने आती है भाई की खुशियों को देखकर उनका मन प्रफुल्लित हो जाता है इसलिए बहन बेटियों का तहे दिल से सम्मान करें आदर करें और समय-समय पर उनको यह एहसास कराते रहें कि वह भी हमारे घर के सदस्य है पराई नहीं है। सीमा त्रिपाठी शिक्षिका साहित्यकार

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