तरकुलवा/बरियारपुर (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। क्षेत्र में धान खरीद प्रक्रिया अब तक रफ्तार नहीं पकड़ सकी है, जिसके चलते किसान भारी परेशानी का सामना कर रहे हैं। पांचों क्रय केंद्रों पर मिलाकर अब तक सिर्फ 33 किसानों से 1033.20 क्विंटल धान की खरीद हुई है। कोन्हवलिया स्थित पीसीएफ केंद्र पर तो खरीद शुरू ही नहीं हो पाई है।
इस वर्ष सहकारी समितियों के माध्यम से धान खरीद 1 नवंबर से शुरू हुई थी, लेकिन 24 दिन बीतने के बाद भी खरीद अत्यंत सीमित है। खरीद का पूरा भार फिलहाल दो मंडी समिति और दो खाद्य विभाग के केंद्रों पर ही टिका हुआ है।
बारिश और नमी से बाधित कटाई-मड़ाई
क्रय केंद्र प्रभारी जितेंद्र मद्धेशिया ने बताया कि बारिश से खेतों में पानी भर गया था, जिससे धान की फसल जमीन पर गिर गई। कटाई-मड़ाई में देरी हुई और जिन किसानों ने कटाई कर ली, उनके धान में नमी अधिक है। इसी वजह से खरीद प्रक्रिया सुचारू रूप से शुरू नहीं हो पा रही।
खाद्य विभाग के एसएमआई धनंजय मिश्रा के अनुसार—“खरीद शुरू है और उम्मीद है कि अगले महीने से गति बढ़ेगी।”
क्रय केंद्रों पर अव्यवस्था—ताले, बोरे की कमी, सत्यापन बाधित
बरियारपुर क्षेत्र में स्थिति और भी चिंताजनक है। किसानों ने बताया कि कई क्रय केंद्र दिनभर बंद रहते हैं। कहीं बोरा उपलब्ध नहीं, तो कहीं सत्यापन कर्मचारी समय पर नहीं पहुंचते। छोटे किसान सबसे ज्यादा प्रभावित हैं क्योंकि पोर्टल पर उनकी हिस्सेदारी के अनुसार धान की मात्रा बेहद कम दिखाई दे रही है।
महुआबारी और डिहा बसंत के किसानों का कहना है कि—
धान घरों में पड़ा-पड़ा बारिश से खराब होने की कगार पर है
सत्यापन अटका हुआ है
ऑनलाइन पंजीकरण करने वाले कई बटाईदार किसानों के आवेदन बिना कारण निरस्त कर दिए गए
अधिकारी पोर्टल की तकनीकी दिक्कतों को ही वजह बता रहे हैं
अधिकारियों का दावा—धीरे-धीरे सुधरेगी प्रक्रिया
डिप्टी आरएमओ शुलभ आनंद ने कहा—
“कुछ जगहों पर धान में नमी समस्या है और कहीं पोर्टल की दिक्कत। अक्टूबर की बारिश से इस बार कटाई-मड़ाई में देरी हुई है। अब केंद्रों पर धान आना शुरू हो गया है। बटाईदार किसान भी पंजीकरण कर फसल बेच सकते हैं।”
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