विजयोत्सव कार्यक्रम का आयोजन

बलिया (राष्ट्र की परम्परा)। सहतवार नगर पंचायत के बहुचर्चित बड़ा पोखरा के समीप स्व बद्रीनाथ सिंह सामुदायिक केंद्र पर बुधवार के दोपहर आजादी के महानायक बाबू बीरबल कुंवर सिंह की167वी विजयोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया कार्यक्रम के मुख्य अतिथि तहसीलदार बांसडीह नितिन सिंह तथा विशिष्ट अतिथि चेयरमैन प्रतिनिधि पंकज सिंह राजू, व सामाजिक कार्यकर्ता डॉ शंभू नाथ सिंह रहे सर्वप्रथम कार्यक्रम की शुरुआत बीरबल बाबू कुंवर सिंह के तैलचित्र पर सभी विशिष्टजनो द्वारा दीप प्रज्वलन के पश्चात माल्यार्पण कर किया गया तत्पश्चात मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों द्वारा बीरबल बाबू कुंवर सिंह की विजयोत्सव कार्यक्रम पर सभी ने प्रकाश डाला ।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि तहसीलदार बांसडीह नितिन सिंह ने कहा कि मैं सौभाग्यशाली हूं कि बाबू कुंवर सिंह की इस ऐतिहासिक धरोहर पर उनके विजयोत्सव कार्यक्रम मे इसका मैं साक्षी रहा हूं ।पढ़ाई पीरिएड की याद को ताजा करते हुए उन्होंने कहा कि हम सभी ने बाबू कुंवर सिंह के बारे में अनेकों किताब पढ़ा लेकिन इस धरती पर किताबों में उनका जिक्र नहीं मिल पाया यह हम सभी के लिए दुर्भाग्य की बात है बताया कि लड़ाई के दरमियांन अगर बाबू कुंवर सिंह का उम्र उसे समय अगर 40 वर्ष होता तो हमारा देश 1857 में ही आजाद हो गया होता वह पुरुष महान है जो 80 साल के उम्र में चंद सैनिकों की टुकरी साथ‌ 107 अंग्रेज सैनिकों को मुडीकटवा नामक स्थान पर काफी संघर्षों के बाद मौत के घाट उतार दिया था चैयरमैन प्रतिनिधि पंकज सिंह राजू ने कहा कि आज मैं इस कार्यक्रम में शपथ लेता हूं कि अगले साल इस विजयोत्सव कार्यक्रम में बाबू कुंवर सिंह के ननिहाल स्थित जमीन पर उनकी धातु मिश्रित आदमकद प्रतिमा का अनावरण होगा जिसके हम सभी साक्षी रहेंगे उन्होंने अपने नगर के विकास में सभी सम्मानित जनों से सहयोग की अपील किया इस मौके पर प्रमुख रूप से डॉक्टर शंभू नाथ सिंह, हीरालाल वर्मा ,अजीत सिंह, सभासद राजाबाबू सिंह, सभासद विनय गुप्ता ,सभासद रंजीत वर्मा ,सभासद सुभाष सिंह ,सभासद आशीष गुप्ता, सभासद राणा प्रताप सिंह ,सभासद लक्ष्मण सिंह, दीपक मिश्रा ,अजीत सिंह दीक्षित ,जागेश प्रसाद, डा उपेंद्रनाथ सिंह, जमशेद अहमद इत्यादि रहे । अध्यक्षता आनंद सिंह पिंटू संचालन अंतर्राष्ट्रीय योग गुरु नितेश उपाध्याय तथा सभी का आभार संस्थान के संस्थापक धर्मात्मा सिंह ने व्यक्त किया।

Karan Pandey

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