कविता
धूप छाँव से डरने वाले कृषक की
फसल बो कर तैयार कहाँ होती है,
डर डर तैराकी की कोशिश करने
वाले की नदिया पार कहाँ होती है।
हवाई जहाज़ उड़ाना सीखने वाले
पाइलट को दिल थामना पड़ता है,
नदी में नौका खेने वाले नाविक को,
पतवार सम्भाल के चलाना पड़ता है।
पिपीलिका दाने ले लेकर चलती है,
ऊँचे चढ़ते हुये हर बार फिसलती है,
चिड़िया दाना चुगकर मीलों उड़ती है,
मन में विश्वास और साहस भरती है।
पर्वत पर आरोही चढ़कर गिरता है,
गिरता चढ़ता चोटी पर पहुँचता है,
उसकी मेहनत बेकार नहीं होती है,
वही कोशिश आखिर साकार होती है।
गोताखोर गहरे पानी में स्वाँस थाम
डुबकी लगाकर ऊपर आ जाता है,
कोई कोई ख़ाली हाथ लौट आता है,
कोई शंख तो कोई मोती ले आता है।
मंज़िल पर आगे बढ़ने वाले राही को
झंझावतों का सामना करना पड़ता है,
जज़्बाती ख़्वाब भूलकर हिम्मत और
साहस के साथ निडर चलना पड़ता है।
चुनौतियों को स्वीकार करना पड़ता है,
हर हार को जीत में बदलना पड़ता है,
ग़लतियाँ करके सुधारना पड़ता है,
जीत के लिए नींद त्यागना पड़ता है।
संघर्ष में जंग पर डटे रहना पड़ता है,
विपरीत घोष को अपने जय घोष से
ताक़तवर बन कर दबाना पड़ता है,
आदित्य तब जयकार सफल होता है।
•कर्नल आदि शंकर मिश्र ‘आदित्य’
हर पीड़ित पत्रकार के साथ खड़ा रहेगा संगठन – तहसील अध्यक्ष विनय सिंह कुशीनगर (राष्ट्र…
पुलिस ने 7 ट्रैक्टरों को किया बरामद बहराइच(राष्ट्र की परम्परा) । जनपद बहराइच के थाना…
पिथौरागढ़,(राष्ट्र की परम्परा डेस्क) उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में रविवार को धौलीगंगा पावर प्रोजेक्ट पर…
श्री मां दुर्गा हिन्दू पूजन महासमिति के पदाधिकारियों की बैठक हुई आयोजित बहराइच (राष्ट्र की…
एसटीएफ और कैसरगंज की पुलिस का सराहनीय कार्यवाही बहराइच (राष्ट्र की परम्परा)। कैसरगंज थाना क्षेत्र…
सलेमपुर/देवरिया (राष्ट्र की परम्परा)।सलेमपुर रेलवे स्टेशन के पास कुछ युवकों ने ट्रेन से उतर रहे…