सांसों में सिमटी साधना: भागदौड़ भरी जिंदगी में आत्मशांति पाने का सरल आध्यात्मिक मार्ग

डॉ. सतीश पाण्डेय
महराजगंज (राष्ट्र की परम्परा)। आधुनिक जीवन की तेज रफ्तार, निरंतर प्रतिस्पर्धा और बाहरी शोर ने आज के मनुष्य को भीतर से थका दिया है। सुविधाएं बढ़ी हैं, आकांक्षाएं भी बढ़ी हैं, लेकिन मानसिक शांति और आत्मसंतुलन कहीं पीछे छूटता जा रहा है। ऐसे समय में अध्यात्म कोई कठिन या दूरस्थ साधना नहीं, बल्कि रोजमर्रा के जीवन से जुड़ा एक सहज और सरल मार्ग बनकर उभरता है।

भारतीय दर्शन में सांस को केवल श्वास-प्रश्वास नहीं, बल्कि ‘प्राण’ कहा गया है—यानी जीवन की मूल ऊर्जा। जब मन अशांत होता है, तो सांसें भी अनियमित हो जाती हैं और जब व्यक्ति सांसों पर ध्यान केंद्रित करता है, तो मन स्वतः शांत होने लगता है। यही कारण है कि योग, ध्यान और प्राणायाम में सांस को केंद्र में रखा गया है। आत्मशांति का सत्य कहीं बाहर नहीं, बल्कि हमारी अपनी सांसों में ही निहित है।

आज समाज में मंदिरों, धार्मिक आयोजनों और कर्मकांडों की संख्या बढ़ी है, लेकिन मन का मंदिर सूना होता जा रहा है। पूजा-पाठ कई बार बाहरी आडंबर तक सीमित रह गया है, जबकि आध्यात्म का वास्तविक उद्देश्य आत्मशुद्धि, चेतना का विकास और मानवीय मूल्यों का विस्तार है। जब सांसों के साथ जागरूकता जुड़ती है, तो अहंकार कमजोर होता है और करुणा, संयम व विवेक जैसे गुण विकसित होते हैं।

ये भी पढ़ें – दिल्ली में हवा बेहद जहरीली: कई इलाकों में AQI 400 के पार, सांस लेना हुआ मुश्किल

समाज में बढ़ता तनाव, अवसाद और हिंसा इस बात के संकेत हैं कि हम भीतर की साधना से दूर होते जा रहे हैं। कानून और व्यवस्था आवश्यक हैं, लेकिन मानसिक शांति का स्थायी समाधान अध्यात्म और आत्मचिंतन से ही निकलता है। जब व्यक्ति स्वयं से जुड़ता है, तो समाज में सकारात्मक बदलाव स्वतः आने लगते हैं।

सांसों में सिमटी साधना हमें यह सिखाती है कि साधना कोई पलायन नहीं, बल्कि जिम्मेदारी के साथ जागरूक होकर जीने की कला है। आध्यात्म का सत्य किसी ग्रंथ तक सीमित नहीं, वह हर क्षण हमारी सांसों के साथ चलता है। आवश्यकता है बस एक पल रुकने की, गहरी सांस लेने की और स्वयं से मिलने की।

Karan Pandey

Recent Posts

स्वास्थ्य जागरूकता की दिशा में पुलिस का सराहनीय कदम

देवरिया पुलिस लाइन में स्वास्थ्य जांच व रक्तदान शिविर का भव्य आयोजन, सैकड़ों पुलिसकर्मियों ने…

8 minutes ago

हार्ट अटैक से तैनात कानूनगो रमेश यादव का निधन

संत कबीर नगर (राष्ट्र की परम्परा)। जनपद की खलीलाबाद तहसील में कार्यरत कानूनगो रमेश कुमार…

34 minutes ago

सशस्त्र सीमा बल ने 62वां स्थापना दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया, जवानों के शौर्य और समर्पण को किया नमन

बहराइच (राष्ट्र की परम्परा)। सशस्त्र सीमा बल (SSB) की 59वीं वाहिनी, मुख्यालय अगैईया में 62वां…

2 hours ago

भारत–नेपाल क्रॉस बॉर्डर टूरिज्म कॉनक्लेव 2025 का भव्य आयोजन, धार्मिक पर्यटन को मिलेगा नया आयाम

बहराइच (राष्ट्र की परम्परा)। भारत–नेपाल के बीच पर्यटन सहयोग को नई ऊंचाई देने के उद्देश्य…

2 hours ago

त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचक नामावली के वृहद पुनरीक्षण-2025 का कार्यक्रम जारी

23 दिसंबर को पंचायत निर्वाचक नामावली की अनन्तिम मतदाता सूची का प्रकाशन संत कबीर नगर…

3 hours ago

डीडीयू के शोधार्थी विष्णु मिश्रा को आईसीएसआर फुल-टर्म डॉक्टोरल फेलोशिप

अंग्रेज़ी विभाग के आचार्य प्रो. अजय कुमार शुक्ला के निर्देशन में रामचरितमानस पर कर रहे…

3 hours ago