पत्नी को सरकारी नौकरी, बच्चों की परवरिश के साथ 50 लाख रुपए सरकार प्रदान करे
गोरखपुर(राष्ट्र की परम्परा)l सीतापुर के पत्रकार राघवेंद्र वाजपेई की हत्या एक निकृष्ठतम अपराध है, जिसकी सजा फांसी से कम कतई मंजूर नहीं है।
उक्त विचार गोरखपुर जर्नलिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष रत्नाकर सिंह ने व्यक्त करते हुए कहा कि पत्रकार लोकतंत्र के तीन स्थाई स्तंभ को अवलंबन प्रदान करने वाला चतुर्थ स्तंभ है, जिस पर प्रहार पूरे लोकतंत्र को चुटहिल कर देता है। सिंह ने कहा कि स्वर्गीय वाजपेई एक जुझारू, निर्भीक पत्रकार थे ,जो दैनिक जागरण में रहकर समाज में अपना योगदान प्रदान करते थे। उनकी हत्या एक दुर्घटना नहीं सुनियोजित साजिश है, इसलिए सरकार इस मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में जल्द से जल्द सुनवाई कर अपराधियों को न्यूनतम फांसी की सजा प्रदान करे। साथ ही स्वर्गीय वाजपेई की पत्नी को सरकारी नौकरी, उनके बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था के साथ उनके परिवार को कम से कम 50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाए। सिंह ने योगी सरकार से मांग किया कि पत्रकारों पर होने वाले किसी भी प्रकार के हमले पर रोक के लिए सरकार को कड़ा से कड़ा कदम उठाना चाहिए।
इस दौरान रत्नाकर सिंह के साथ गोजए महामंत्री अरुण सिंह, प्रेस क्लब गोरखपुर के महामंत्री वहाब खान, प्रेस क्लब के संयुक्त मंत्री शीलवर्धन प्रताप सिंह, प्रेस क्लब के तकनीकी प्रभारी सुनील सिंह, गोजए विधि सलाहकार समिति के दयाराम सोनकर ,आकाश सिंह, प्रवीण मद्धेशिया, दबीर आलम आदि उपस्थित थे। इस दौरान स्वर्गीय राघवेंद्र वाजपेई को श्रद्धांजलि भी अर्पित की गई।
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