कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय मिठौरा बना घोटालों का गढ़, छात्राएं सुविधाओं से वंचित – प्रशासन मौन

ग्रामीणों की गुहार: मुख्यमंत्री हस्तक्षेप कराएं, हो उच्चस्तरीय जांच

महराजगंज (राष्ट्र की परम्परा)। महराजगंज जिले के मिठौरा स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय इन दिनों गंभीर अव्यवस्थाओं और भ्रष्टाचार के चलते चर्चा में है। छात्राओं की शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा से जुड़ी मूलभूत सुविधाएं बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं। विद्यालय में व्याप्त अव्यवस्थाओं के कारण छात्राएं न केवल असहज माहौल में पढ़ने को मजबूर हैं, बल्कि उन्हें समय से भोजन, साफ पानी और स्वास्थ्य सेवाएं भी नहीं मिल पा रही हैं।

भोजन-पानी से लेकर सुरक्षा तक सब बदहाल

स्थानीय ग्रामीणों और छात्राओं के अभिभावकों का कहना है कि विद्यालय में छात्राओं को मिलने वाले भोजन में भारी कटौती की जा रही है। दूध तक समय से नहीं मिलता। छात्राएं डर-डर कर कहती हैं कि उन्हें न तो भरपेट खाना मिलता है, न ही पीने को साफ पानी। बीमार पड़ने पर इलाज में भी लापरवाही की जाती है।

भ्रष्टाचार और घोटालों के आरोप

विद्यालय की वार्डेन व स्टाफ पर आरोप है कि बच्चियों को मिलने वाली किट, यूनिफॉर्म, किताबें और अन्य आवश्यक सामग्री में गड़बड़ियां की जा रही हैं। रंगाई-पुताई के नाम पर दो लाख रुपए तक की धनराशि आती है, लेकिन मुख्यद्वार तक की दीवार रंगवा कर कोरम पूरा कर लिया जाता है। अंदरूनी मरम्मत और रंगाई का कार्य सिर्फ कागजों पर होता है। छात्रावास, शौचालय और रसोईघर की स्थिति अत्यंत दयनीय है।

धमकी देकर दबाया जा रहा बच्चियों का मुंह

छात्राओं को सख्त हिदायत दी गई है कि कोई भी मुंह खोलेगा तो उसे विद्यालय से निकाल दिया जाएगा। इसी कारण कई बच्चियां खुलकर अपनी समस्याएं नहीं बता पा रही हैं। कुछ अभिभावकों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि विद्यालय में गड़बड़ियों को छिपाने के लिए अधिकारियों की मिलीभगत से रिपोर्ट्स भी कागजों में ही बनाई जा रही हैं।

जांच और निगरानी सिर्फ कागजों तक सीमित

विद्यालय की नियमित जांच की जिम्मेदारी जिन अधिकारियों पर है, वे महज दस्तखत करके चले जाते हैं। वास्तविक स्थिति देखने की जहमत तक नहीं उठाते। ऐसे में भ्रष्टाचारियों के हौसले बुलंद हैं और बच्चियों का भविष्य दांव पर है।

क्या जिला प्रशासन किसी दबाव में है?

सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब शिकायतें बार-बार मिल रही हैं, तो जिला प्रशासन की ओर से ठोस कार्रवाई क्यों नहीं हो रही? क्या किसी उच्चस्तरीय गठजोड़ के चलते पूरे मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है?

ग्रामीणों की मांग: मुख्यमंत्री करें हस्तक्षेप

स्थानीय लोगों और अभिभावकों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि मिठौरा के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में हो रहे घोटालों की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए और दोषियों को तत्काल निलंबित कर जेल भेजा जाए, ताकि बालिकाओं को सुरक्षित और स्वच्छ वातावरण मिल सके।

जिम्मेदार अधिकारी की प्रतिक्रिया

इस संबंध में पूछे जाने पर विभागीय अधिकारी अमन प्रताप सिंह ने कहा,“मुझे विद्यालय के भोजन मीनू या आंतरिक व्यवस्थाओं की जानकारी नहीं है। इस विद्यालय की जांच के लिए घुघली खंड शिक्षा अधिकारी को नामित किया गया है। जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।”

Editor CP pandey

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