(राष्ट्र की परम्परा के लिए विशेष रिपोर्ट- नरेंद्र यादव द्वारा )
यदि आप झारखंड से छत्तीसगढ़ में प्रवेश कर रहे हैं और गुमला मार्ग से आगे बढ़ते हैं, तो छत्तीसगढ़ की सीमा में प्रवेश करते ही आपका स्वागत जशपुर जिले में होगा। यह इलाका अपनी अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता, घने वनों और धार्मिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है। इन्हीं में से एक है कैलाश गुफा, जो अपने रहस्यमय वातावरण और धार्मिक महत्व के कारण आगंतुकों को आकर्षित करती है।
लोरो की फूलों की घाटी से होकर गुजरना
कैलाश गुफा तक पहुंचने के लिए आपको पहले लोरो की फूलों की घाटी से गुजरना होगा। कभी यह घाटी रंग-बिरंगे फूलों से सजी रहती थी, हालांकि अब यहां हाईवे बनने से फूलों की संख्या में कमी आई है। फिर भी, घाटी की प्राकृतिक सुंदरता आज भी यात्रियों का मन मोह लेती है। घाटी में स्थित विशाल शिवलिंग वाले मंदिर में श्रद्धालु दर्शन कर आशीर्वाद लेते हैं।
चिरईटांड़ से बगीचा की ओर
लोरो घाटी पार करने के बाद जब आप चिरईटांड़ पहुंचेंगे, तो आपको दाहिनी ओर मुड़ना होगा। यह रास्ता आपको बगीचा नामक स्थान तक ले जाएगा, जो कैलाश गुफा का प्रवेश द्वार माना जाता है। बगीचा से आगे का सफर हरी-भरी वादियों और ठंडी हवाओं के बीच से गुजरता है।
औषधीय गुणों से भरपूर वन क्षेत्र
कैलाश गुफा का मार्ग घने वनों से होकर जाता है, जहां औषधीय गुणों से युक्त पेड़-पौधे पाए जाते हैं। स्थानीय लोग मानते हैं कि यहां के पेड़-पौधे स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हैं और कई जड़ी-बूटियों का उपयोग पारंपरिक चिकित्सा में किया जाता है।
कैलाश गुफा का महत्व
कैलाश गुफा न केवल प्राकृतिक चमत्कार है, बल्कि धार्मिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। मान्यता है कि यहां भगवान शिव का विशेष वास है, और सावन मास में यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। गुफा के भीतर का वातावरण शांत, ठंडा और रहस्यमय है, जो आगंतुकों को आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करता है।
यात्रा सुझाव
सर्वश्रेष्ठ समय: जुलाई से फरवरी कैसे पहुंचे: रायपुर, रांची या अंबिकापुर से सड़क मार्ग द्वाराविशेष सावधानी: बारिश के मौसम में सड़क फिसलन भरी हो सकती है, इसलिए यात्रा में सावधानी बरतें।
कैलाश गुफा की यात्रा प्रकृति और आस्था, दोनों का अद्भुत संगम है। अगर आप छत्तीसगढ़ की असली खूबसूरती को महसूस करना चाहते हैं, तो यह स्थान आपकी यात्रा सूची में जरूर होना चाहिए।
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