November 21, 2024

राष्ट्र की परम्परा

हिन्दी दैनिक-मुद्द्दे जनहित के

मनुष्य से गलती हो जाना बड़ी बात नहीं, समय रहते सुधर व प्रायश्चित जरूरी हैं: आचार्य पवन नंदन

कथा के दूसरे दिन भक्तों की भारी भीड़

गाजियाबाद(राष्ट्र की परम्परा)l शिप्रा सनसिटी में भारतीय धरोहर संस्था द्वारा आयोजित भागवत कथा के दूसरे दिन बड़ी संख्या में भक्त पहुंचे। इस दौरान कथा व्यास आचार्य पवन नंदन ने कहा कि मनुष्य से गलती हो जाना बड़ी बात नहीं, लेकिन ऐसा होने पर समय रहते सुधार और प्रायश्चित जरूरी है। अगर ऐसा नहीं हुआ तो गलती पाप की श्रेणी में आ जाती है।
कथाव्यास पवन नंदन ने बताया की राजा परीक्षित कलयुग के प्रभाव के कारण ऋषि से श्रापित हो जाते हैं और उसी के पश्चाताप में वह शुकदेव जी के पास जाते हैं।
कथव्यास पवन नंदन ने कहा कि भक्ति एक ऐसा उत्तम निवेश है, जो जीवन में परेशानियों का उत्तम समाधान देती है, साथ ही जीवन के बाद मोक्ष भी सुनिश्चित करती है।
कथा अनुसार – हमारे पूर्वजों ने सदैव पृथ्वी का पूजन व रक्षण किया है, इसके बदले प्रकृति ने मानव का रक्षण किया है।
कथा में आगे बताया की भागवत के श्रोता के अंदर जिज्ञासा और श्रद्धा होनी चाहिए। तभी भागवत का श्रवण करना फलीभूत होता है,वरना भागवत कथा श्रवण करने के दौरान श्रोता का मन बाहर सांसारिक संबंधों में लगा हुआ है तो कथा श्रवण करने का कोई महत्व नहीं रह जाता। उन्होंने कहा- परमात्मा दिखाई नहीं देता है लेकिन वह हर किसी में बसता है। परमात्मा प्रत्येक जीव के अंदर है और इसका आभास समय-समय पर ईश्वर हमें करवाते भी रहते हैं|
कथा को सुनने महिलाएं और बच्चे भी पहुंचे, वहीं भागवत कथा के मध्य में आचार्य पवन नंदन के द्वारा कई भजन भी प्रस्तुत किए। उन्होंने बताया कि भक्ति की उम्र नहीं होती। क्योंकि नन्हीं सी उम्र में ही भक्त प्रह्लाद ने अपने आप को हरि नाम में लीन कर लिया था।
भागवत कथा के सदानंद में चंद्र प्रकाश बालियान, विजय शंकर तिवारी, कपिल त्यागी, राम वरुण , सुचित सिंघल, कमलकांत शर्मा, संजय सिंह, धीरज अग्रवाल, अजय शुक्ला, मनोज डागा, प्रवीण वाधवा, अनिल मेहंदी रत्ता, उमा शंकर तोमर, विश्वनाथ त्रिपाठी और अविनाश जी समेत सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।