November 22, 2024

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होलिका दहन पूर्णिमा प्रदोष काल में किया जाए तो होता है शुभ – आचार्य अजय शुक्ल

होलिका दहन 7 को, होली 8 मार्च को मनाई जाएगी

सलेमपुर/देवरिया(राष्ट्र की परम्परा)आचार्य अजय शुक्ल के अनुसार इस बार होलिका दहन पूर्णिमा के प्रदोष काल 7 मार्च को सायं काल पड़ने के कारण सबसे शुभमुहूर्त है। वहीं इसके बाद 8 मार्च को होली मनाई जाएगी।
उन्होंने कहा कि पूर्णिमा के प्रदोष काल में होलिका दहन से परिवार समाज व देश में खुशहाली व समृद्धि आती है। इस दिन महिलाए घर के सुख शांति के लिए पूजा अर्चना करती है। यह दिन बुराई पर अच्छाई का प्रतीक माना जाता है। इस बार पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 6 मार्च को शाम 4 बजे के पश्चात हो रहा है,समापन 7 मार्च को शाम 6 बजकर 10 मिनट पर होगा। इस बार होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 7 मार्च मंगलवार को शाम 6 बजकर 24 मिनट से 8 बजकर 51 मिनट तक हो रहा है। इसके पश्चात रंग व उल्लास का त्योहार होली मनाया जाएगा। होलिका दहन की पूजन विधि को बताते हुए आचार्य अजय शुक्ल ने बताया कि इस दिन होलिका पूजा के पश्चात जल अर्पित करें।इसके बाद शुभ मुहूर्त के अनुसार घर या समाज के सबसे बड़े बुजुर्ग व्यक्ति से होलिका की अग्नि प्रज्ज्वलित कराएं।इस अग्नि से अपने फसल सेंके व अगले दिन सपरिवार अवश्य ग्रहण करें । कहा जाता है कि होलिका दहन के दिन यह करने वाला उपाय जो व्यक्ति करता है तो उसके सम्पूर्ण जीवन में दुख व निराशा का साया तक नही पड़ता है। साथ ही परिवार के सभी लोग रोग मुक्त स्वस्थ व खुशहाल जीवन जीते हैं।