इतिहास में अमिट छाप छोड़ने वाले प्रेरणा-पुरुष

16 नवंबर को जन्मे महान व्यक्तित्व

इतिहास में कुछ दिन ऐसे होते हैं जो अपने भीतर असाधारण प्रतिभाओं का खजाना छुपाए होते हैं। 16 नवंबर भी ऐसा ही दिन है, जब जन्मे कई महान व्यक्तित्व अपने-अपने क्षेत्र में अमिट पहचान बनाकर आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बन गए। साहित्य, कला, विज्ञान, खेल, चिकित्सा, संगीत और राष्ट्रनिर्माण के अनगिनत आयामों को रोशन करने वाले इन नामों ने न केवल अपने समय को प्रभावित किया, बल्कि मानव सभ्यता को भी नई दिशा दी।

ये भी पढ़ें –“16 नवंबर के महत्वपूर्ण योग: कौन-से कार्य आज देंगे सफलता का वरदान?”

आइए, ऐसे ही प्रेरक 16 नवंबर जन्मे महान लोगों पर विस्तार से दृष्टि डालते हैं—
अलफ्रेड नॉयस (1880)
ब्रिटिश साहित्यिक जगत की शान अलफ्रेड नॉयस कवि और नाटककार के रूप में विश्व प्रसिद्ध हैं। उनकी रचनाएँ मानवीय संवेदनाओं, सुंदर कल्पनाओं और गहन भावनाओं से परिपूर्ण थीं। “द हाईवे मैन” जैसी कालजयी कविता ने उन्हें साहित्य प्रेमियों के दिलों में अमर बना दिया।
श्रीराम लागू (1927)
भारतीय रंगमंच और सिनेमा के चमकते सितारे डॉ. श्रीराम लागू अभिनय, संवाद अदायगी और चरित्र की गहराई के कारण सदैव याद किए जाते हैं। मराठी और हिंदी नाटकों में उनकी उपस्थिति दर्शकों के हृदय में अमिट छाप छोड़ती है। सामाजिक मुद्दों पर उनकी स्पष्ट सोच ने भी उन्हें विशिष्ट पहचान दी।

ये भी पढ़ें – मानव संघर्ष, स्वतंत्रता और परिवर्तन के अद्भुत अध्याय

आर्ट सैनसम (1920)
अमेरिकी कार्टून जगत में अमूल्य योगदान देने वाले आर्ट सैनसम अपनी रचनात्मकता, हास्य और कलात्मक शैली के लिए प्रसिद्ध थे। उनके द्वारा बनाए गए कॉमिक्स आज भी लोगों के चेहरे पर मुस्कान ला देते हैं और समाजिक व्यंग्य के सर्वोत्तम उदाहरण माने जाते हैं।
आर. रामचंद्र राव (1931)
भारतीय क्रिकेट जगत में अपनी निष्पक्षता और शांत स्वभाव से पहचान बनाने वाले अंपायर आर. रामचंद्र राव खेल के नियमों और मानकों के कड़े पालन के लिए जाने जाते थे। उनकी उपस्थिति मैदान पर भरोसे और संतुलन का प्रतीक रही है।

ये भी पढ़ें – मूलांक 3 और 9 वालों का बढ़ेगा आत्मविश्वास और धन

पुलेला गोपीचंद (1973)
भारत को बैडमिंटन जगत में नई पहचान दिलाने वाले पुलेला गोपीचंद एक महान खिलाड़ी और प्रशंसित कोच हैं। ऑल इंग्लैंड चैंपियन बनने से लेकर साइना नेहवाल और पी.वी. सिंधु जैसे चैंपियंस तैयार करने तक उनका योगदान अविस्मरणीय है।
के. ए. दिनशा (1943)
चिकित्सा जगत की अग्रणी महिला के. ए. दिनशा ने हेल्थ सेक्टर में अपनी दूरदर्शिता और सेवा-भाव से समाज में नई रोशनी जगाई। स्वास्थ्य सेवाओं के विकास, महिलाओं के सशक्तिकरण और चिकित्सा सुविधाओं को बेहतर बनाने में उनके प्रयास हमेशा प्रेरक रहेंगे।
मिहिर सेन (1930)
भारत के प्रसिद्ध लंबी दूरी के तैराक मिहिर सेन विश्व में भारत का नाम ऊँचा करने वाले खेल-पुरुष थे। वे पाँच प्रमुख समुद्रों को तैरकर पार करने वाले पहले एशियाई और विश्व के कुछ चुनिंदा लोगों में शामिल हैं। उनका साहस और दृढ़ इच्छाशक्ति आज भी मिसाल है।
बोमिरेड्डी नरसिम्हा रेड्डी (1908)
दक्षिण भारतीय सिनेमा के प्रतिष्ठित निर्देशक बी. नरसिम्हा रेड्डी अपनी विशिष्ट फिल्म निर्माण शैली, तकनीकी समझ और कलात्मक दृष्टि के लिए प्रसिद्ध थे। उन्होंने तेलुगु सिनेमा को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
शंभू महाराज (1907)
कत्थक नृत्य की दुनिया में शंभू महाराज का नाम सम्मान, समर्पण और सौंदर्य का प्रतीक माना जाता है। लखनऊ घराने के इस महान गुरु ने नृत्य को नई पहचान दी। उनकी ताल, भाव और मनोहारी मुद्राएँ आज भी विद्यार्थियों और कलाकारों को आकर्षित करती हैं।
चौधरी रहमत अली (1897)
पाकिस्तान की मांग से जुड़े प्रमुख समर्थक चौधरी रहमत अली ने उपमहाद्वीप की राजनीति में अहम भूमिका निभाई। “पाकिस्तान” शब्द का औपचारिक रूप से प्रयोग कर उन्होंने इतिहास की दिशा बदलने वाले विचार को आकार दिया।
अकबर इलाहाबादी (1846)
हिन्दुस्तानी ज़बान और तहज़ीब के प्रतीक अकबर इलाहाबादी अपनी व्यंग्यात्मक शायरी, लफ्फाजी और सामाजिक टिप्पणियों के लिए मशहूर थे। उनकी शायरी भारतीय समाज की वास्तविकताओं को सटीकता और नज़ाकत के साथ उकेरती है।
16 नवंबर को जन्मे महान व्यक्तित्व विविध क्षेत्रों के उन सितारों की श्रृंखला हैं, जिन्होंने अपनी प्रतिभा से समाज, संस्कृति, राष्ट्र और मानवता को समृद्ध किया। इनकी उपलब्धियाँ न सिर्फ इतिहास के पन्नों को चमकाती हैं, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों को आगे बढ़ने की प्रेरणा भी देती हैं।

Editor CP pandey

Recent Posts

देवरिया में पहली बार तीन दिवसीय खगोल विज्ञान कार्यक्रम, विद्यार्थी जानेंगे अंतरिक्ष के रहस्य

देवरिया (राष्ट्र की परम्परा)l जिले में पहली बार खगोल विज्ञान पर केंद्रित तीन दिवसीय विशेष…

5 hours ago

सांसारिक और आध्यात्मिक ज्ञान की कथा है देवी भागवत पुराण कथा – आचार्य अजय शुक्ल

सलेमपुर, देवरिया(राष्ट्र की परम्परा)। मां भगवती की महिमा अपरंपार है, उनके इच्छा से ही सृष्टि…

6 hours ago

कृषि यंत्रीकरण योजनाओं के तहत किसानों की ई-लॉटरी, चयनित लाभार्थियों को मिलेगा अनुदान

संत कबीर नगर(राष्ट्र की परम्परा)। मुख्य विकास अधिकारी जयकेश त्रिपाठी की अध्यक्षता में कृषि विभाग…

6 hours ago

गोरखपुर विश्वविद्यालय ने उत्तर प्रदेश 2047 कॉनक्लेव में भारतीय ज्ञान परंपरा को दी नई दिशा

गोरखपुर (राष्ट्र की परम्परा)। विकसित उत्तर प्रदेश@2047 शिक्षा एवं कौशल विकास महाचर्चा में दीनदयाल उपाध्याय…

6 hours ago

टूटी सड़क पर चलने को मजबूर ग्रामीण हो रहे है घायल

बरहज/देवरिया(राष्ट्र की परम्परा)l बढ़ौना हर्दो से लेकर देऊबारी और सतराव को जोड़ने वाली सड़क 7…

6 hours ago

सबया ढाला में खड़े ट्रक से भीषण टक्कर: ससुराल से लौट रहे दंपती की मौत, गांव में मातम

महराजगंज(राष्ट्र की परम्परा)। थाना कोठीभार बुधवार की देर शाम सबया हाला के पास हुए दर्दनाक…

6 hours ago