भारत की रणनीतिक स्वायत्तता : रूस-यूक्रेन युद्ध पर बढ़ते दबाव के बीच संतुलन साधने की चुनौती

फोटो @DrSJaishankar के x हैंडल से

नई दिल्ली (राष्ट्र की परम्परा डेस्क) रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर अमेरिका और यूरोप भारत से लगातार दबाव बना रहे हैं कि वह रूस से दूरी बनाए और पश्चिमी देशों के रुख का समर्थन करे। पश्चिमी शक्तियों की अपेक्षा है कि भारत खुले तौर पर यूक्रेन के पक्ष में खड़ा हो। लेकिन भारत के सामने यह कोई आसान विकल्प नहीं है।

रूस दशकों से भारत का भरोसेमंद मित्र और ऊर्जा साझेदार रहा है। आज भी भारत अपनी ऊर्जा ज़रूरतों का एक बड़ा हिस्सा रूस से मिलने वाले किफायती कच्चे तेल और गैस से पूरा करता है। इसके अलावा रक्षा, तकनीक और अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों में भी दोनों देशों का गहरा सहयोग है। ऐसे में रूस से रिश्तों को दरकिनार करना भारत के लिए संभव नहीं।

इसी बीच भारत की विदेश नीति की असली ताक़त सामने आती है। भारत ने हमेशा सीधे टकराव से बचते हुए अपने हितों की रक्षा करने की रणनीति अपनाई है। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर कई बार साफ कर चुके हैं कि भारत किसी भी संघर्ष का हिस्सा नहीं बनेगा और हर मसले का समाधान संवाद और कूटनीति से ही संभव है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से लेकर अमेरिका और यूरोप के शीर्ष नेताओं तक बार-बार यह संदेश दिया है कि “यह युद्ध का समय नहीं है।” इस रुख ने भारत को न केवल वैश्विक मंच पर एक संतुलित आवाज़ दी है बल्कि उसे संभावित मध्यस्थ के रूप में भी स्थापित किया है।

विशेषज्ञों का मानना है कि भारत का यह “बीच का रास्ता” कोई दोहरी कूटनीति नहीं बल्कि रणनीतिक स्वायत्तता (Strategic Autonomy) है। यही नीति भारत को अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने के साथ-साथ वैश्विक कूटनीति में एक महत्वपूर्ण और जिम्मेदार भूमिका निभाने का अवसर देती है।

Editor CP pandey

Recent Posts

झाड़-फूंक के बहाने महिला से अमानवीय कृत्य, वीडियो वायरल करने वाले 8 आरोपी गिरफ्तार

महराजगंज(राष्ट्र की परम्परा)। जनपद महराजगंज के पनियरा थाना क्षेत्र में अंधविश्वास और अमानवीय कृत्य का…

31 minutes ago

देश की एकता और अखंडता के लिए इंदिरा गांधी ने दे दी प्राणों की आहुति – डॉ धर्मेन्द्र पांडेय

कांग्रेसियों ने मनाई इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि व सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती सलेमपुर,…

45 minutes ago

लौह इच्छाशक्ति से अखंड भारत गढ़ने वाले सरदार पटेल

भारत के इतिहास में कुछ ऐसे व्यक्तित्व हैं, जिनकी दूरदृष्टि और दृढ़ निश्चय ने राष्ट्र…

3 hours ago

दृढ़ इच्छाशक्ति और निर्णायक नेतृत्व की प्रतीक श्रीमती इंदिरा गांधी

भारत के राजनीतिक इतिहास में इंदिरा गांधी का नाम एक ऐसे व्यक्तित्व के रूप में…

3 hours ago

असमय बारिश से किसानों की मेहनत पर फिरा पानी, सैकड़ों एकड़ धान की फसल चौपट

कटाई से पहले खेतों में जल-भराव, किसानों की बढ़ी चिंता महराजगंज(राष्ट्र की परम्परा)। महराजगंज जिले…

3 hours ago