समाजोपयोगी शोध से सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करें विश्वविद्यालय: आनंदीबेन पटेल

कुलाधिपति ने किया मूल्यांकन भवन शिलान्यास तथा सेंसस डाटा रिसर्च वर्क स्टेशन का शुभारंभ

गोरखपुर (राष्ट्र की परम्परा)। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के नए मूल्यांकन भवन तथा जनगणना कार्य निदेशालय, केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत ‘सेंसस डाटा रिसर्च वर्क स्टेशन’ का ऑनलाइन शिलान्यास व शुभारंभ कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने सोमवार को किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुलाधिपति श्रीमती पटेल ने कहा कि नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में गोरखपुर विश्वविद्यालय ने प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में अग्रणी भूमिका का निर्वहन किया है। नये पाठ्यक्रमों का निर्माण कर विश्वविद्यालय ने ‘‘विकसित भारत’’ की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत-2047 की संकल्पना को पूरा करने के लिए जरूरी है कि विश्वविद्यालय अपने अनुसंधान पक्ष को मजबूत करें। अधिक से अधिक समाजोपयोगी शोध को बढ़ावा दें, जिससे सामाजिक दायित्वों का निर्वहन हो सके।
सेंसस डाटा रिसर्च वर्कस्टेशन से पूर्वांचल के शिक्षाविदों, शोधार्थियों, विद्यार्थियों एवं जन-सामान्य को मिलेगा व्यापक अनुसंधान का वातावरण एवं अवसर
सेंसस डाटा रिसर्च वर्कस्टेशन का शुभारंभ करते हुए कुलाधिपति ने प्रसन्नता व्यक्त किया और कहा कि यह विश्वविद्यालय ऐसे महत्वपूर्ण परियोजनाओं की शुरुआत करने जा रहा है जो विद्यार्थी केंद्रित भी हैं और समाजोपयोगी भी। विश्वविद्यालय के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है कि जनगणना कार्य निदेशालय, उत्तर प्रदेश, भारत सरकार, गृह मंत्रालय द्वारा दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के शैक्षिक परिसर में “सेंसस डाटा रिसर्च वर्कस्टेशन” स्थापित किये जाने की स्वीकृति प्रदान की गयी है। राज्य सरकार के विश्वविद्यालयों के अंतर्गत स्थापित होने वाला द्वितीय तथा प्रदेश में स्थापित होने वाला चतुर्थ “सेन्सस डेटा रिसर्च वर्कस्टेशन” है। इसका मुख्य उद्देश्य शिक्षण संस्थाओं, शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं, छात्रों तथा डाटा यूजर को लाभान्वित करने एवं अनुसंधान को प्रोत्साहित करना है। विश्वविद्यालय में सेंसस डाटा रिसर्च वर्कस्टेशन की स्थापना से पूर्वांचल सहित इस अंचल के शिक्षाविदों, शोधार्थियों, विद्यार्थियों एवं जन-सामान्य के लिए व्यापक अनुसंधान का वातावरण एवं अवसर मिलेगा। आज दुनिया भर की सरकारों से लेकर बड़े औद्योगिक संस्थानों तक को भविष्य की अपनी योजनाएं बनाने के लिए इस प्रकार के आंकड़ों की आवश्यकता होती है। इस पर आधारित शोध के परिणाम हमारे आसपास के जीवन में बदलाव ला सकते हैं।
आधारभूत ढांचे और कार्य निष्पादन के निकाय भी हैं विश्वविद्यालय के विकसित होने का पैमाना: कुलाधिपति
विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. पूनम टंडन की सराहना करते हुए कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा कि आज विश्वविद्यालय अपने नए मूल्यांकन भवन की आधारशिला भी रखने जा रहा है। विश्वविद्यालयों के विकसित होने का पैमाना सिर्फ विद्यार्थियों की बढ़ती संख्या या डिग्री धारकों की बढ़ती संख्या मात्र ही नहीं होता। विश्वविद्यालय परिसरों में आधारभूत ढांचे और कार्य निष्पादन की गति तेज करने वाले निकायों की भी बड़ी आवश्यकता होती है। इस परियोजना से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति से अपेक्षा करती हूँ कि वे निर्धारित समय में गुणवत्तापूर्ण ढंग से निर्मित कर इसे लोकार्पित कराने का प्रयास करें जिससे विश्वविद्यालय को इसका लाभ मिल सके।
सत्र नियमन, सकारात्मक वातावरण और उत्कृष्टता हमारी प्राथमिकता: कुलपति प्रो. पूनम टंडन
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो पूनम टंडन ने कहा कि आज का दिन हमारे विश्वविद्यालय के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण और अविस्मरणीय है जब हम अपनी अभिभावक के सानिध्य में अपनी प्रगति यात्रा में एक नया अध्याय जोड़ रहे हैं। उत्तर प्रदेश का यह चौथा सेन्सस डेटा रिसर्च वर्कस्टेशन है और हमारे विश्वविद्यालय के लिए यह गर्व का अवसर है क्योंकि किसी राज्य विश्वविद्यालय में स्थापित होने वाला यह केवल दूसरा ऐसा केंद्र है। विश्वविद्यालय में सेंसस डाटा रिसर्च वर्कस्टेशन की स्थापना इस क्षेत्र ही नहीं बल्कि पूरे पूर्वांचल के शिक्षाविदों, शोधार्थियों, विद्यार्थियों एवं जन-सामान्य के लिए अत्यंत उपयोगी साबित होगा और यहां उपलब्ध आंकड़ों से हम अनेक समाजोपयोगी शोध भी कर सकेंगे।
विश्वविद्यालय की प्रगति से कुलाधिपति को अवगत कराते हुए कुलपति ने कहा कि परीक्षाओं के समय से संपन्न हो जाने के बाद हमने परीक्षा परिणाम घोषित करना प्रारंभ कर दिया है और संभवतः हम पहले राज्य विश्वविद्यालय हैं जो इसी सप्ताह से नए सत्र के लिए प्रवेश परीक्षाएं शुरू करने जा रहा है। सत्र नियमन, सकारात्मक वातावरण और उत्कृष्टता हमारी प्राथमिकता है।

rkp@newsdesk

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