परोपकार, दान धर्म स्वाभाविक है,
देने वाला कभी विचार नहीं करता,
बहुत ज़्यादा विचार करने वाला तो
सोच सोच कर कुछ दे नहीं पाता।
वक्त किसी की प्रतीक्षा नहीं करता,
हवा की दिशा कोई नहीं बदल सकता,
वक्त का सदुपयोग कोई कैसे करे,
यह इंसान के कर्मों पर निर्भर होता है।
वक्त का सदुपयोग कर हवाओं
का रुख़ अपने माफ़िक़ कर सके,
धरा की फ़िक्र छोड़ आसमाँ की
ओर रुख़ करे और ऊपर उड़ सके।
फूलों का हार सबको अच्छा लगता है,
फूलों की महक सबको मोह लेती है,
पर धागे की न कोई तारीफ़ करता है,
जो फूलों को हार बना कर रखता है।
सत्य, सादगी और सुंदरता तीनों में,
प्राकृतिक रूप से समानता होती है,
आदित्य ये जहाँ भी उपास्थित होते हैं,
वहाँ बनावट की ज़रूरत नहीं होती है।
कर्नल आदि शंकर मिश्र ‘आदित्य’
बरहज/देवरिया (राष्ट्र की परम्परा)।ज्ञान, अनुशासन और मानवीय मूल्यों के प्रतीक रहे डॉ. उपेंद्र प्रसाद को…
देवरिया/पटना (RKP NEWS)।बिहार की सियासत में बुधवार का दिन पूरी तरह चुनावी जंग में तब्दील…
29 अक्टूबर का इतिहास के उनके याद में भारत का इतिहास उन महान विभूतियों से…
🔆आज का अंक राशिफल — पंडित सुधीर तिवारी द्वारा🔆(संख्या बताए आपके दिन की दिशा) अंक…
विश्व स्ट्रोक दिवस 2025 (World Stroke Day 2025) हर साल 29 अक्टूबर को विश्व स्ट्रोक…
(विश्व स्ट्रोक दिवस 2025 विशेष लेख) हर साल 29 अक्टूबर को विश्व स्ट्रोक दिवस (World…