राजस्व विवाद रहित ग्रामों को विभिन्न योजनाओं में अतिरिक्त प्रोत्साहन व वरीयता भी दी जायेगी: डीएम
संत कबीर नगर (राष्ट्र की परम्परा)। जिलाधिकारी महेंद्र सिंह तंवर ने जनपद के राजस्व गांवों को राजस्व विवाद रहित बनाने के दृष्टिगत जनपद के सभी तहसीलो मे ‘‘राजस्व विवाद रहित ग्राम अभियान’’ चलाने की परिकल्पना को स्पष्ट करते हुए समस्त उप जिलाधिकारियों एवं सम्बन्धित राजस्व अधिकारियों को निर्देशित किया है कि निर्धारित प्रारूप पर ‘‘राजस्व विवाद रहित ग्राम अभियान’’ चलाकर शिकायतकर्ताओं की समस्या एवं समाधान का विवरण प्राप्त करते हुए जनपद के समस्त राजस्व गांवों की अंतिम रूप से एक सूची तैयार की जायेगी। तद्नुसार कार्यवाही करते हुए शिकायतो का समाधान कर राजस्व विवाद रहित ग्राम बनाने की दिशा में नियतानुसार एवं पारदर्शितापूर्ण कार्य किया जाये।
जिलाधिकारी महेंद्र सिंह तंवर ने ‘‘राजस्व विवाद रहित ग्राम’’ की परिकल्पना को स्पष्ट करते हुए बताया कि राजस्व विवाद रहित ग्राम से तात्पर्य एक ऐसे राजस्व ग्राम से है जहाँ किसी भी ग्रामवासी का भूमि संबधित विवाद लंबित नहीं है। इसमें पैमाइश, कब्जे, आबादी, रास्ते इत्यादि संबधित विवाद सम्मिलित किए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि विभिन्न न्यायलयों में भी लंबित विवादों को इसमें शामिल किया जा रहा है और उसके उपरांत यदि समाधान होता है। तो संबधित न्यायलय में राजस्व आख्या एवं सहमति लगा दी जाएगी। यह अभियान समयबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।
जिलाधिकारी ने बताया कि राजस्व विवाद रहित ग्रामों को वर्ष में एक बार सर्टिफिकेट दिया जाएगा, साथ ही प्रत्येक 06 महीने बाद इसका रिनूअल/अपडेट किया जाएगा। जिलाधिकारी ने बताया कि जनपद से ऐसे ग्रामों को विभिन्न योजनाओं में कुछ अतिरिक्त प्रोत्साहन व वरीयता भी दी जाएगी। इस अभियान हेतु न्याय पंचायत वार नोडल अधिकारियों की नियुक्ति भी की जाएगी।
जिलाधिकारी ने बताया कि राजस्व विवाद रहित ग्रामों का चयन करते समय आईजीआरएस, जनता दर्शन में जिस ग्राम से सबसे अधिक समस्याएँ हैं। उनको प्राथमिकताएँ दी जा रही है। इसमे प्रत्येक तहसील, ब्लॉक, थाना कवर किया जा रहा है। इस कार्य हेतु प्रत्येक ग्राम में कम से कम 05 लोगों जिसमे 03 लेखपाल तथा 02 सिपाही की टीम गठित की जा रही है। साथ में कॉम्प्लेक्स, जटिल समस्याओं, विषयों के लिए एक थानावार सीनियर राजस्व कर्मी, अधिकारी एवं पर्याप्त पुलिस बल का भी गठन किया जा रहा है। प्रत्येक राजस्व ग्रामों में राजस्व विवाद, शिकायत का चिन्हिकरण करते हुए निर्धारित प्रारूप पर आख्या उपलब्ध कराने हेतु कुल एक-दो सप्ताह का समय दिया जाएगा। उसके बाद क्रॉस वेरीफाइड करके सर्टिफिकेट दिया जाएगा।
उक्त हेतु 02 प्रारूप तैयार किया गया है जिसमे एक फॉर्मेट शिकायत प्राप्त करने का है और दूसरा फॉर्मेट समाधान के उपरांत का है।
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