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गोवा में डिजिटल डेमोक्रेसी डायलॉग का दूसरा दिन

सुरक्षा, तकनीक, आर्थिक विकास, स्त्री शक्ति और विश्वबन्धुत्व पर गहन चर्चा

पणजी/गोवा (राष्ट्र की परम्परा)। गोवा की राजधानी में चल रहे डिजिटल डेमोक्रेसी डायलॉग के दूसरे दिन लगभग आधा दर्जन विशिष्ट सत्रों में अलग अलग विषयों पर अत्यंत गम्भीर चर्चा के साथ विद्वानों और विशेषज्ञों ने वैश्विक भारत के नए स्वरूप को सामने रखा। इन चर्चाओं में भारत की सुरक्षा, तकनीकी विकास, आर्थिक विकास, नवनिर्माण, स्त्री शक्ति और भारत की नई वैश्विक भूमिका पर विशेषज्ञों ने अपने अपने ढंग से बहुत सलीके से अपने शोध और प्रस्तुतियों को सामने रखा।
विदित है कि तीन दिनों के लिए आयोजित इस विशेष समागम और वैचारिक मंथन का आयोजन राम भाऊ म्हालगी प्रबोधिनी ने किया है। पूर्व राज्य सभा सदस्य डॉ विनय सहस्त्रबुद्धे के संयोजन में यह भारत विमर्श का आयोजन किया गया है।

अरुणाचल प्रदेश में सेला टनल और कश्मीर में चिनाब ब्रिज के निर्माण की चुनौतियों पर आधारित विशेष चर्चा अद्भुत रही। सीमा सड़क सुरक्षा संगठन के निदेशक लेफ़्टिनेंट जनरल रघु श्रीनिवासन और भारतीय विज्ञान संस्थान की विशेषज्ञ डॉ माधवी लता ने इन दोनों दुरूह निर्माणों की एक एक चुनौती की गंभीर वैज्ञानिक व्याख्या की।
अर्थ ग्लोबल के निदेशक प्रो निरंजन राजाध्यक्ष और आशीष चौहान, एम डी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने भारत के आर्थिक विकास को क्रमबद्ध तरीके से सामने रखा।

भारत की वैश्विक भूमिका को विश्वबंधु भारत के सत्र में प्रस्तुत किया गया। मनोहर परिक्कर रक्षा संस्थान के महानिदेशक डॉ सुजान चिनॉय और आई आईएम, रायपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक विजय चौथीवाले ने इस विषय पर बहुत बारीकी से बातें भी रखी और यह प्रमाणित किया कि भारत ही वास्तव में विश्व के कल्याण की सोच रखता है और अपनी इस भूमिका को निभाता भी है। इस सत्र का प्रस्तुतीकरण डॉ रश्मिणी, नई दिल्ली ने किया।
महिला सशक्तिकरण, समाज के निर्माण में भूमिका और नारी शक्ति को लेकर आयोजित सत्र में नागालैंड से भारत की संसद में राज्यसभा सदस्य फंगनन कोन्याक, जग्गी मंगत पांडा, एमडी ओडिशा टीवी और नयना एस, उपाध्यक्ष, भारतीय स्त्री शक्ति ने अपने विचारों से मोदी सरकार की नीतियों और उपलब्धियों से परिचित कराया। इस आयोजन के कल्पनाकार डॉ विनय सहस्त्रबुद्धे के साथ नैतिक मुले, मृगांक त्रिपाठी, रुचा लिमए, अनिरुद्ध, हेरंब, जाह्नवी, प्रत्यूष फ़नीश, स्वामी शायते, उत्कर्ष बंसल, विभोर पांडे, प्रणय कुलकर्णी और इनकी प्रबुद्ध टीम ने इस आयोजन को साकार करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नए भारत की सोच को साकार करने के लिए जिन विविध आयामों पर ध्यान देना है, उन सभी पर यहां गंभीर विमर्श चल रहा है।

Karan Pandey

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