November 22, 2024

राष्ट्र की परम्परा

हिन्दी दैनिक-मुद्द्दे जनहित के

दोहे : आयुर्वेदिक संकलन

दही मथें माखन मिले, केसर संग मिलाय,
होठों पर लेपित करें, रंग गुलाबी आय।
बहती यदि जो नाक हो, बहुत बुरा हो हाल,
यूकेलिप्टिस तेल लें, सूंघें डाल रुमाल।
अजवाइन को पीसिये, गाढ़ा लेप लगाय,
चर्म रोग सब दूर हो, तन कंचन बन जाय।
अजवाइन को पीस लें, नीबू संग मिलाय,
फोड़ा-फुंसी दूर हों, सभी बला टल जाय।
अजवाइन-गुड़ खाइए, तभी बने कुछ काम,
पित्त रोग में लाभ हो, पायेंगे आराम।
ठण्ड लगे जब आपको, सर्दी से बेहाल,
नीबू मधु के साथ में, अदरक पियें उबाल।
अदरक का रस लीजिए, मधु लेवें समभाग,
नियमित सेवन जब करें, सर्दी जाए भाग।
रोटी मक्के की भली, खा लें यदि भरपूर,
बेहतर लीवर आपका, टी० बी० भी हो दूर।
गाजर रस संग आँवला, बीस औ चालिस ग्राम,
रक्तचाप हिरदय सही, पायें सब आराम।
शहद आंवला जूस हो, मिश्री सब दस ग्राम,
बीस ग्राम घी साथ में, यौवन स्थिर काम।
चिंतित होता क्यों भला, देख बुढ़ापा रोय,
चौलाई पालक भली, यौवन स्थिर होय।
लाल टमाटर लीजिए, खीरा सहित सनेह,
जूस करेला साथ हो, दूर रहे मधुमेह।
प्रातः संध्या पीजिए, खाली पेट सनेह,
जामुन-गुठली पीसिये, नहीं रहे मधुमेह।
सात पत्र लें नीम के, खाली पेट चबाय,
दूर करे मधुमेह को, सब कुछ मन को भाय।
सात फूल ले लीजिए, सुन्दर सदाबहार,
दूर करे मधुमेह को, जीवन में हो प्यार।

•कर्नल आदि शंकर मिश्र ‘आदित्य’ ‎