सरदार पटेल की 150वीं जयंती और ‘वंदे मातरम्’ के 150 वर्ष पूरे होने पर गोरखपुर में गूंजा राष्ट्रभक्ति का स्वर
गोरखपुर(राष्ट्र की परम्परा)
भारत रत्न लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती और ‘वंदे मातरम्’ के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में सोमवार को गोरखपुर में राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत भव्य कार्यक्रम का आयोजन हुआ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नगर निगम के लक्ष्मी पार्क में पहुंचकर रानी लक्ष्मीबाई की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और वीरांगना को श्रद्धांजलि दी। पूरा परिसर ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम्’ के नारों से गूंज उठा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रानी लक्ष्मीबाई और सरदार पटेल दोनों ही भारत के साहस, एकता और राष्ट्रीय स्वाभिमान के प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल ने अपनी अदम्य इच्छाशक्ति और संगठन कौशल से देश को एक सूत्र में बांधा। आज का भारत इन्हीं महापुरुषों के आदर्शों से प्रेरित होकर आगे बढ़ रहा है।”
कार्यक्रम में उपस्थित जनसमूह ने सामूहिक रूप से ‘वंदे मातरम्’ का गायन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह गीत केवल शब्दों का समूह नहीं, बल्कि हमारी आत्मा का स्वर है, जिसने आज़ादी के आंदोलन में करोड़ों भारतीयों को एकता के सूत्र में बांधा।
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ऐतिहासिक पदयात्रा का शुभारंभ
सभा के बाद मुख्यमंत्री ने पदयात्रा का नेतृत्व किया। यात्रा की शुरुआत टाउनहॉल स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा से हुई, जहाँ मुख्यमंत्री ने बापू की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया। इसके बाद पदयात्रा गोलघर, कचहरी चौराहा, गणेश चौराहा, काली मंदिर होते हुए पटेल चौराहा पहुँची, जहाँ उन्होंने सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
पदयात्रा में जनप्रतिनिधि, अधिकारी, भाजपा कार्यकर्ता, विद्यार्थी, समाजसेवी संगठन और आम नागरिक बड़ी संख्या में शामिल हुए। सड़कों के दोनों ओर खड़े नागरिकों ने पुष्पवर्षा कर मुख्यमंत्री का स्वागत किया। चारों ओर “भारत माता की जय”, “वंदे मातरम्” और “सरदार पटेल अमर रहें” की गूंज से शहर का वातावरण राष्ट्रप्रेम के रंग में रंग गया।
यात्रा धर्मशाला पुल, असुरन चौक से गीता वाटिका तक निकली। मार्ग में जगह-जगह स्वागत मंच बनाए गए थे, जहाँ स्थानीय जनप्रतिनिधियों और नागरिकों ने मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया। हर वर्ग और हर आयु वर्ग के लोगों में इस आयोजन को लेकर जबरदस्त उत्साह देखने को मिला।
सुरक्षा व्यवस्था रही अभेद्य
पूरे कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रही। एडीजी जोन मुथा अशोक जैन, डीआईजी रेंज एस. चनप्पा, मंडलायुक्त अनिल ढींगरा, जिलाधिकारी दीपक मीणा, एसएसपी राजकरन नय्यर, नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल, जीडीए उपाध्यक्ष आनंद वर्धन, एडीएम सिटी अंजनी कुमार सिंह, एडीएम वित्त विनीत कुमार सिंह, एसपी सिटी अभिनव त्यागी, एसपी साउथ जितेंद्र कुमार, एसपी नार्थ जितेंद्र श्रीवास्तव, एसडीएम सदर दीपक गुप्ता, तहसीलदार ज्ञान प्रताप सिंह, एसीएम राजू कुमार, सीआरओ हिमांशु वर्मा, एडीएम प्रशासन सहदेव मिश्र, अपर नगर आयुक्त दुर्गेश मिश्रा और अतुल कुमार समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी पैदल चलकर व्यवस्था की निगरानी करते रहे। प्रमुख चौराहों पर पुलिस बल, पीएसी और ट्रैफिक पुलिस की तैनाती रही। ड्रोन कैमरे और सीसीटीवी से सुरक्षा चाक-चौबंद रखी गई।
रन फॉर यूनिटी : एकता और स्वाभिमान का प्रतीक
देशभर में इसी अवसर पर “रन फॉर यूनिटी” का आयोजन हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में प्रारंभ हुआ यह अभियान आज भारतीय जनता पार्टी द्वारा 75 जनपदों और 403 विधानसभा क्षेत्रों में भव्य रूप से मनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह आयोजन एकता, अखंडता और स्वदेशी भावना का जीवंत उदाहरण है।
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उन्होंने कहा कि गुजरात के नर्मदा जिले के केवड़िया सरोवर में स्थित सरदार पटेल की स्टैच्यू ऑफ यूनिटी न केवल भारत की, बल्कि दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति (182 मीटर) है। यह भारत की एकता, समरसता और स्वाभिमान का प्रतीक है। सरदार पटेल ने आज़ादी के बाद 562 रियासतों का एकीकरण कर भारत की अखंडता को साकार किया। इसलिए उन्हें “भारत की एकता का शिल्पी” कहा जाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वदेशी और आत्मनिर्भरता सरदार पटेल के विचारों के केंद्र में थे। आज भारत उन्हीं सिद्धांतों पर चलते हुए “आत्मनिर्भर भारत” के निर्माण की दिशा में अग्रसर है।
वंदे मातरम्’ के 150 वर्ष : राष्ट्र की आत्मा का स्वर
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने ‘वंदे मातरम्’ के 150 वर्ष पूरे होने पर इसे राष्ट्र की आत्मा का स्वर बताया। 1876 में पहली बार यह गीत गूंजा था, जिसने देशभक्ति और एकता की भावना को जनमानस में स्थापित किया। रवीन्द्रनाथ टैगोर ने इस गीत को स्वरबद्ध किया था, जो भारत की संस्कृति और मातृभूमि के प्रति समर्पण का प्रतीक है।
वक्ताओं ने कहा कि 1937 में कांग्रेस की एक रिपोर्ट में “वंदे मातरम्” गीत में संशोधन की बात कही गई थी, जबकि यह गीत भारतीय राष्ट्रीयता का सबसे बड़ा प्रतीक रहा है। कांग्रेस ने कई बार भारत की एकता के प्रश्न पर समझौता किया, जिसके परिणामस्वरूप 1947 में देश का विभाजन हुआ।
एक भारत, श्रेष्ठ भारत” का संदेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि सरदार पटेल की 150वीं जयंती और ‘वंदे मातरम्’ के 150 वर्ष हमें यह स्मरण कराते हैं कि राष्ट्र सर्वोपरि है। उन्होंने कहा — “सरदार पटेल ने जिस भारत को एकता के सूत्र में बांधा, वही आज आत्मनिर्भर और सशक्त भारत का मार्ग प्रशस्त कर रहा है। हमें मिलकर उनके ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के संकल्प को साकार करना है।”
उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे महापुरुषों के जीवन से प्रेरणा लेकर राष्ट्र निर्माण में योगदान दें।राष्ट्रभक्ति केवल भावना नहीं, बल्कि एक संकल्प है — समाज और देश के उत्थान के लिए कुछ कर गुजरने का।”
देशभक्ति से सराबोर रहा शहर
इस अवसर पर पूरे शहर का माहौल देशभक्ति और गर्व से सराबोर रहा। नगर निगम और विभिन्न संस्थाओं ने तिरंगे झंडों, पुष्प सज्जा और रोशनी से मार्गों को सजाया। सड़कों पर ढोल-नगाड़ों की गूंज और “वंदे मातरम्” के स्वर वातावरण में देशप्रेम का संचार कर रहे थे।
गोरखपुर में निकली यह ऐतिहासिक पदयात्रा न केवल सरदार पटेल को श्रद्धांजलि थी, बल्कि यह राष्ट्र की एकता, अखंडता और अमर गीत “वंदे मातरम्” की विरासत को जन-जन तक पहुंचाने का सशक्त प्रतीक बन गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में निकली यह यात्रा शहर के इतिहास में एकता और राष्ट्रप्रेम की मिसाल के रूप में दर्ज हो गई।
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