नई दिल्ली (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के चेयरपर्सन तुहिन कांत पांडेय ने शुक्रवार को म्यूचुअल फंड उद्योग को निवेश जोखिमों के साथ-साथ परिचालन संबंधी खतरों पर भी विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी। उन्होंने आगाह किया कि फर्जी निवेशकों द्वारा धोखाधड़ी कर फंड योजनाओं को भुनाने के मामले न केवल निवेशकों के पैसे को नुकसान पहुंचाते हैं बल्कि इससे पूरे उद्योग पर निवेशकों के भरोसे को गंभीर धक्का लग सकता है।
पांडेय ने बताया कि ऐसे मामलों में कोई फर्जी व्यक्ति असली निवेशक बनकर, झूठे दस्तावेज़ या पहचान के सहारे फंड यूनिट्स या पैसा निकाल लेता है। इसे रोकने के लिए संपत्ति प्रबंधन कंपनियों (एएमसी) को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए और अपराध के बदलते तरीकों पर पैनी निगाह रखनी होगी।
उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि ऐसे मामलों के तौर-तरीकों को सभी एएमसी और पंजीकरण एजेंटों के बीच साझा किया जाना चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न दोहराई जा सकें।
कार्यक्रम में सेबी के पूर्णकालिक सदस्य अमरजीत सिंह ने भी उद्योग को जिम्मेदाराना वृद्धि पर जोर देते हुए कहा कि शासन, पारदर्शिता और नैतिक आचरण को बनाए रखना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि उद्योग में बढ़ती प्रतिस्पर्धा और तेज़ी से हो रहे नवाचार के बीच, अल्पकालिक लाभ के बजाय निवेशकों के हितों को प्राथमिकता देना ही म्यूचुअल फंड उद्योग की दीर्घकालिक सफलता की कुंजी होगी।
सेबी के इस स्पष्ट संदेश के बाद अब म्यूचुअल फंड कंपनियों की जिम्मेदारी और बढ़ गई है कि वे निवेशकों की सुरक्षा और पारदर्शिता को सर्वोच्च प्राथमिकता दें।
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