
सलेमपुर (राष्ट्र की परम्परा)। नवलपुर चौराहे पर श्रीमद भागवत कथा के अंतिम दिन कथा व्यास आचार्य डाo अन्तर्यामी महाराज ने कथा के आखिरी दिन शुकदेव जी महाराज द्वारा राजा परीक्षित को सुनाई गई श्रीमद् भागवत कथा को पूर्णता प्रदान करते हुए कथा में विभिन्न प्रसंगों श्री कृष्ण का स्वधाम गमन एवं अंत में राजा परीक्षित के मोक्ष प्राप्ति का वर्णन किया।वृंदावन से पधारे कथा व्यास आचार्य डाo अन्तर्यामी महाराज ने व्यास पीठ से भगवान श्री कृष्ण के स्वधाम गमन की कथा सुनाते हुए कहा कि भगवान जब अपनी लीला समाप्त करके अपने गोलोक धाम गए तभी से कलियुग का वास पृथ्वी पर हो गया। तक्षक नाग ने गंगा किनारे बैठे राजा परीक्षित को आकर डसा तो उनका शरीर जलकर भस्म हो गया। उन्होंने सात दिन श्रीमद् भागवत कथा सुनकर मोक्ष को प्राप्त किया। आचार्य ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा कल्पवृक्ष के समान है। इसके श्रवण करने से व्यक्ति का सोया हुआ भाग्य जाग जाता है। उसकी सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है और उसके जन्म जन्मांतर के पापों, समस्त दुखों व कष्टों का विनाश हो जाता है।उन्होंने कहा कि कथा की सार्थकता तभी सिद्ध होती है। जब कथा को अपने दिनचर्या में शामिल करेंगे। कथा वाचक ने कहा कि व्यक्ति को अपना जीवन आनंदमय, मंगलमय बनाकर आत्मकल्याण करना चाहिए। इस तरह परीक्षित मोक्ष और कलयुग का वर्णन करते कथा व्यास ने सप्त दिवसीय भागवत कथा को विश्राम दिया। अंत में उन्होंने कहा कि हर इंसान को दीक्षा ग्रहण कर अपना गुरुअवश्य बनाना चाहिए।इसके उपरांत पूर्व सांसद रविन्दर कुशवाहा ने स्वामी जी के चरण स्पर्श कर उनसे आशीर्वाद लिया और प्रसाद ग्रहण किया।उक्त अवसर पर यजमान गोरख प्रसाद चौरसिया के अलावा लोकसभा मिडिया प्रभारी भाजपा अजय दूबे वत्स, विधानसभा मिडिया प्रभारी अनुप उपाध्याय, सन्नी चौरसिया, इंद्रासन प्रसाद चौरसिया, दिनेश चौरसिया, रवि कुशवाहा, छेदी जायसवाल, राजेश शाह, शेषनाथ चौरसिया, सुरेन्द्र चौरसिया आदि मौजूद रहे।
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