मनकापुर गोण्डा। (राष्ट्र की परम्परा)04 अक्टूबर.. सोमवार को भारतीय किसान यूनियन गोंडा के पदाधिकारियों ने जिलाध्यक्ष दीपक वर्मा के नेतृत्व में राष्ट्रपति व राज्यपाल उत्तर प्रदेश को किसानों की ज्वलंत माँगों के सम्बंध में 15 सूत्री मांगपत्र संबोधित ज्ञापन उपजिलाधिकारी मनकापुर को दिया।
जिला अध्यक्ष दीपक वर्मा ने बताया कि किसानों ने अपनी माँगों के लिए एक साल से अधिक समय तक दिल्ली की सीमाओं पर धरना दिया। लगातार चले विश्वप्रसिद्ध धरने के चलते केंद्र सरकार ने एक आधा-अधूरा समझौता कर किसान विरोधी तीन काले कानूनों को वापस लिया। धरना ख़त्म कराने के लिए सरकार ने किसानों की अन्य माँगों को भी मानने का आश्वासन दिया था। इनमें से कोई भी माँग अब तक पूरी नहीं की गई। इधर, उत्तरप्रदेश में किसान कई अन्य समस्याओं से लगातार जूझ रहे हैं। लखीमपुर खीरी में किसानों की हत्या के आरोपी आशीष मिश्र के पिता गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी जिन पर हत्या की साजिश का आरोप है, अभी तक अपने पद पर बने हुए हैं। उन्हें तत्काल मन्त्रिमण्डल से बर्खास्त कर गिरफ्तार किया जाए। लखीमपुर खीरी किसान हत्याकांड के किसान गवाहों को धमकाने की कार्रवाइयों पर रोक लगाई जाए तथा धमकाने वालों पर सख़्त कार्रवाई हो। शहीद किसानों को घोषित मुआवजा तत्काल प्रदान किया जाए। . लखीमपुर खीरी की तरह भाजपा समर्थकों द्वारा कासगंज में किसानों पर जानलेवा हमला किया गया एव पुलिस लाठीचाज॔ में सैकड़ों किसान बुरी तरह घायल हैं। कासगंज के दोषियों पर तत्काल कारवाई कर घायलों को मुआवजा दिया जाए एव किसानों पर दज॔ मुकदमे वापस लिए जाए। सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी का कानून शीघ्रातिशीघ्र बनाया जाए किसान-उत्पादों पर लादा गया 20% निर्यात शुल्क तत्काल हटाया जाए ताकि किसानों का उत्पाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में बिक सके।गन्ना किसानों को 450 रुपये प्रति कुंतल गन्ने का भुगतान किया जाए तथा बकाया राशि तत्काल मय ब्याज दी जाए। बिजली संशोधन विधेयक- 2022 तत्काल वापस लिया जाय तथा किसानों के निजी नलकूपों पर मीटर लगाने की कार्रवाई बंद की जाए। . तेलंगाना जैसे कई राज्यों की तरह खेती के लिए उत्तरप्रदेश के किसानों को भी मुफ़्त बिजली दी जाए। साजिशन किसानों के खेतों में छोड़े जा रहे जंगली जानवर और आवारा पशुओं से खेती की सुरक्षा की गारण्टी दी जाए। उत्तरप्रदेश को आधिकारिक तौर पर सूखाग्रस्त घोषित कर सभी किसानों को मुआवजा दिया जाए। सितम्बर महीने में अतिवृष्टि के चलते किसानों की खड़ी फसल को भारी नुकसान हुआ है। किसानों के नुकसान की भरपाई कर उन्हें समुचित मुआवजा दिया जाए।प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में घोर भ्रष्टाचार व्याप्त है तथा इसका फायदा मुख्यतः कम्पनियाँ और अधिकारी उठाते है। इस पर रोक लगाकर फसल बीमा की राशि किसानों के खातों में पहुँचाने की समुचित व्यवस्था की जाए। आवारा पशुओं और जंगली जानवरों से किसानों के खेतों की रक्षा के लिए सरकारी स्तर से उपयुक्त बाड़बंदी की व्यवस्था की जाए तथा इसका स्थाई समाधान निकाला जाए।.खेती में बहुराष्ट्रीय कम्पनियों की घुसपैठ पर पाबंदी लगाई जाए तथा स्वदेशी तकनीक आधारित खेती के लिए अनुदान दिया जाए।इस मौके पर जिलाध्यक्ष दीपक वर्मा, जिला महामंत्री लवकुश कुमार, जिला उपाध्यक्ष गिरजेश वर्मा, तहसील अध्यक्ष दिनेश यादव आदि लोग मौजूद रहे।
संवाददाता गोण्डा..
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