पटना (राष्ट्र की परम्परा डेस्क) बिहार के लाखों शिक्षकों के लिए लंबे समय से प्रतीक्षित खुशखबरी आखिरकार आ ही गई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्ववर्ती ट्विटर) पर एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए शिक्षकों के इंटर-डिस्ट्रिक्ट ट्रांसफर (अंतर्जिला स्थानांतरण) से संबंधित नई नीति की जानकारी साझा की है। इस नीति से प्रदेश भर में कार्यरत शिक्षकों को अपने घर के नजदीक तबादले का अवसर मिलेगा, जिससे वे पारिवारिक और सामाजिक दायित्वों के साथ-साथ अपने कर्तव्यों का बेहतर निर्वहन कर सकेंगे।
तीन जिलों का विकल्प, एक में होगा पदस्थापन
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि अब शिक्षक अंतर्जिला तबादला के लिए आवेदन करते समय तीन जिलों का विकल्प चुन सकेंगे। शिक्षा विभाग द्वारा इन्हीं विकल्पों में से किसी एक जिले में शिक्षक का स्थानांतरण सुनिश्चित किया जाएगा। यह व्यवस्था उन शिक्षकों के लिए अत्यंत लाभकारी साबित होगी जो वर्षों से दूरस्थ जिलों में नियुक्त थे और पारिवारिक कारणों से स्थानांतरण की मांग कर रहे थे।
परिवार से दूर सेवा कर रहे शिक्षकों को मिलेगा राहत इस फैसले से खासकर वे शिक्षक लाभान्वित होंगे जो अपने घर-परिवार से सैकड़ों किलोमीटर दूर कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में कार्य कर रहे थे। ऐसे शिक्षक लंबे समय से स्थानांतरण नीति की प्रतीक्षा में थे। नई नीति से उन्हें मनचाहा जिला चुनने का विकल्प मिलेगा जिससे वे अब अपने परिवार के पास आ सकेंगे और जीवन की गुणवत्ता में सुधार होगा।
शिक्षक संगठनों ने फैसले का किया स्वागत
मुख्यमंत्री की इस घोषणा के बाद शिक्षक संघों और संगठनों में खुशी की लहर है। बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष ने कहा, “यह एक ऐतिहासिक फैसला है। वर्षों से लंबित मांग को आखिरकार सरकार ने स्वीकार किया है। इससे हजारों शिक्षकों को राहत मिलेगी और शिक्षा व्यवस्था भी सुदृढ़ होगी।”
शिक्षा विभाग जल्द जारी करेगा विस्तृत दिशा-निर्देश
मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद शिक्षा विभाग जल्द ही विस्तृत दिशा-निर्देश और आवेदन प्रक्रिया की रूपरेखा जारी करेगा। आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन होगी और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग किया जाएगा।
नवाचार और मानवीय दृष्टिकोण का उदाहरण
यह नीति बिहार सरकार के उस दृष्टिकोण को दर्शाती है जिसमें शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के साथ-साथ शिक्षकों के हितों की रक्षा को भी प्राथमिकता दी जा रही है। यह निर्णय न केवल शिक्षकों के जीवन को आसान बनाएगा, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता में भी सुधार लाएगा।
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